अभय तिवारी
BALODA BAZAR. सतनामी समाज के आंदोलन के उग्र रूप लेने के बाद संयुक्त कार्यालय में आगज़नी के प्रकरण में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस वारदात के दिन 10 जून से लगातार दबिश दे रही है। पुलिस ने भीम क्रांतिवीर के दो पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूरी वारदात के पीछे पुलिस ने जिन तीन संगठनों को जिम्मेदार बताया था, उनमें भीम क्रांतिवीर भी शामिल है। संगठन का संस्थापक पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
बलौदा बाजार में 10 जून को हुए बवाल के बाद आरोपियों को सीसीटीवी और सोशल मीडिया से प्राप्त वीडियो और फोटो के माध्यम से खोजा जा रहा है। पुलिस अब तक 158 आरोपियों को गिरफ़्तार कर चुकी है। पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में वारदात के लिए भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट और भीम क्रांतिवीर संगठन को जिम्मेदार बताया था। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष सहित प्रदेश स्तर के अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है।
भीम क्रांतिवीर छात्र संघ का प्रदेश अध्यक्ष और उपाध्यक्ष गिरफ़्तार
बलौदा बाज़ार पुलिस ने 19 जून को भीम क्रांतिवीर के संस्थापक किशोर नवरंगे को गिरफ़्तार किया था। पुलिस ने किशोर नवरंगे को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को आंदोलन में ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में शामिल होने और भीड़ को भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया था। अब पुलिस ने भीम क्रांतिवीर छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपी बंदे और उपाध्यक्ष संदीप कोसले को भी गिरफ़्तार कर लिया है।
आंदोलन के आयोजन में निभाई थी रणनीतिक भूमिका
पुलिस ने बताया कि 10 जून को हुए धरना प्रदर्शन का आयोजन करने, रणनीति बनाने, प्रदर्शन की अनुमति लेने और धरना प्रदर्शन से जुड़े अन्य आवश्यक कार्यों में आयोजक समिति के सदस्य की गिरफ़्तारी को प्राथमिकता के आधार पर देखा जा रहा है। इसके तहत पुलिस ने 9 जुलाई को आरोपी गोपी बंदे और संदीप कोसले को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने बताया है कि इन दोनों आरोपियों का प्रदर्शन के आयोजन और कार्यक्रम की रणनीति बनाने में अहम भूमिका रही है।
आरोपियों के नाम
1. गोपी बंदे उम्र 19 वर्ष निवासी ग्राम बरदा थाना लवन (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़ छात्रसंघ प्रदेश अध्यक्ष)
2. संदीप उर्फ़ मोनू कोसले उम्र 21 वर्ष निवासी ग्राम ढनढनी थाना लवन (भीम क्रांतिवीर छत्तीसगढ़ उपाध्यक्ष)