DESH VIDESH. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अक्सर ही चर्चा में रहती है। एक बार फिर से सुनीता ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भरी। इस उड़ान के साथ ही सुनीता स्पेस मिशन पर अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बन गई हैं। इस उड़ान में सुनीता के साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी बुच विल्मोर भी थे। अंतरिक्ष में यह मिशन नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तौर पर लांच किया गया है।
बता दें, सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री है। यह पहला मौका नहीं है जब सुनीता ने कुछ हासिल किया है। बल्कि साल 2006-7 और वर्ष 2012 में भी सुनीता ने इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन पर समय बिताया था और इतिहास में अपना नाम लिखवा लिया था।
उन्होंने स्पेसवॉक पर सर्वाधिक 7 घंटे का समय बिताया था। उन्होंने स्पेसवॉक 50 घंटे 40 मिनट का कर रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
क्या है स्टारलाइन कैप्सूल
इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन के लिए रेग्युलर क्रू फ्लाइट्स के तौर पर स्आरलाइनर को मान्यता देने के लिए हाज से यह स्पेस फ्लाइट बहुत ही खास माना जा रहा है। यह मिशन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक लाने और ले जाने वाला दूसरा निजी अंतरक्षि यान बनाने की दिशा में खास है।
26 घंटे बाद उतरेगा सतह पर
उड़ान के करीब 26 घंटे के बाद स्टारलाइनर आईएसएस की सतह पर उतरेगा। बुधवार को रात 8.22 बजे इस बोइंग ने उड़ान भरी थी।
यह यान अपने साथ 500 पाउंड से ज्यादा का कार्गो साथ लेकर अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा। इस दौरान दोनों ही अंतरिक्ष यात्री एक सप्ताह तक आईएसएस पर रहकर जरूरी टेस्ट करेंगे।