DELHI. नीट की परीक्षा में ग्रेस मार्क प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए बीते दिनों नीट री एग्जाम आयोजित किया गया। इस परीक्षा में कुल 1563 अभ्यर्थियों को परीक्षा देना था लेकिन री एग्जाम में 48 प्रतिशत से अधिक ने परीक्षा दी ही नहीं। एग्जाम के बाद एनटीए की ओर से इसकी जानकारी दी गई। सिर्फ 813 छात्रों ने ही री एग्जाम में हिस्सा लिया।
बता दें, मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में हो रहे गड़बड़ी को दूर करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने नीट की रीक्षा में ग्रेस मार्क हासिल करने वाले 1563 छात्रों को एक और मौका देने के लिए री एग्जाम लिया गया।
इसमें अधिकतर छात्र गायब रहे। यह मौका छात्रों के भविष्य बर्बाद न हो यह सोचकर केन्द्र सरकार ने दिया था लेकिन इसमें बच्चों की कम उपस्थिति रही।
गड़बड़ी रोकने प्रयास
एनटीए की ओर से 5 मई को हुए नीट एग्जाम में कई तरह की गड़बड़ी की खबर आने के बाद ऐसे छात्रों को दोबारा अवसर देने के लिए री एग्जाम कराया गया। इस री एग्जाम कराने का उद्देश्य गड़बड़ी को रोकना है।
नीट परीक्षा के रिजल्ट जारी होने के बाद ग्रेस मार्क की जानकारी मिलती थी। ग्रेस मार्क उन्हीं छात्रों को दिया गया था जहां पर सेंटरों में देर से एग्जाम शुरू हुआ। उन्हीं बच्चों को ग्रेस मार्क दिया। फिर बाद में इस पर भी आपत्ति जताई गई तब उन्हें दोबारा मौका दिया।
इन सेंटरों में हुई परीक्षा
जानकारी के मुताबिक नीट री एग्जाम 5 राज्यों में हुआ। जहां पर एग्जाम के दौरान गलत प्रश्न पत्र देने के कारण एग्जाम में देरी से छात्रों को दिक्कत हुई थी। इस एग्जाम के लिए 7 केन्द्र थे बीते रविवार को परीक्षा हुई।
1563 छात्रों को री एग्जाम में शामिल होना था। इसमें चंड़ीगढ़ में दो छात्र थे वहां से कोई भी परीक्षा में शामिल नहीं हुआ। इसी तरह छत्तीसगढ़ में 602 में से 219, गुजरात में एक ही बच्चा हुआ शामिल। हरियाणा में 494 में से 287 और मेघालय में 464 में से 234 ही री एग्जाम में शामिल हुए।