DURG. दुर्ग के लंगूरवीर मंदिर में कब्जे का विवाद अब तूल पकड़ रहा है। मंदिर के द्वार को दीवार खड़ी कर बंद कर दिया गया है। इसे लेकर बजरंग दल ने प्रदर्शन किया और द्वार के सामने दीवार खड़ी करने का विरोध किया। हालांकि यह मामला न्यायालय में भी विचाराधीन बताया जा रहा है, लेकिन जिस तरह से मंदिर के द्वार पर दीवार दिख रही है, उससे आने वाले दिनों में बड़े विवाद की आशंका पैदा हो गई है।
दुर्ग शहर में बजरंगबली भगवान का प्राचीन मंदिर है। इसे लोग लंगूरवीर मंदिर के नाम से जानते हैं। मंदिर के प्रवेश द्वार पर निर्माण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।
सोमवार को बजरंग दल के पदाधिकारियों ने मंदिर में प्रदर्शन किया और मंदिर के प्रवेश में बाधक निर्माण को हटाने की मांग की। बजरंगियों का कहना है कि निर्माण गलत तरीके से किया गया है। इससे प्राचीन मंदिर में भक्तों का आना-जाना प्रभावित हो रहा है।
अब विवाद ये है कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर कोठारी नर्सिंग होम है। वैसे जहां कोठारी नर्सिंग होम का संचालन किया जा रहा है, वह उनकी खुद की जमीन है। लेकिन आरोप है कि कोठारी नर्सिंग होम संचालक ने जमीन लेते वक्त यह इकरारनामा किया था कि वह जमीन का उपयोग सप्ताह में साढ़े छह दिन ही करेगा।
शनिवार यानी लंगूरवीर भगवान के दिन दोपहर के बाद प्रभु की आरती में आने वाले भक्तों और निगम के साप्ताहिक हाट बाजार के लिए जमीन को खाली रखेगा।
अब आरोप ये है कि नर्सिंग होम संचालकों द्वारा न भक्तों की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखा जा रहा है और न ही साप्ताहिक बाजार में आने वालों की सुविधा का। और यही पूरे विवाद की जड़ है। चूंकि अब बजरंग दल मंदिर के द्वार के दीवार के विरोध में खड़ा हो गया है। ऐसे में आने वाले दिनों में कोई बड़ा बखेड़ा खड़ा हो सकता है।