NEW DELHI. शराब नीति से जुड़े मामले में सुनवाई के दौरान आज यानी 15 जून को दिल्ली हाई कोर्ट नजर आया। हाई कोर्ट ने दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को आदेश दिया है कि शराब नीति से जुड़े मामले में अदालती सुनवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया से तत्काल हटाएं। गौरतलब है कि 28 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट में आबकारी नीति मामले में से जुड़ी सुनवाई हुई थी, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की गई थी।
वीडियो में देखा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक ट्रायल कोर्ट को संबोधित करते नजर आ रहे हैं। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा और अमित शर्मा की बेंच ने उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, मेटा और यूट्यूब सहित 6 लोगों को नोटिस जारी किया। अदालत ने एक पक्षीय अंतरिम आदेश पारित किया और कहा कि मामले में आगे की सुनवाई 9 जुलाई को होगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने 28 मार्च को विशेष न्यायाधीश (पीसी एक्ट) कावेरी बावेजा को व्यक्तिगत रूप से संबोधित किया था जब उन्हें ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद दूसरी बार अदालत में पेश किया गया था। इसके तुरंत बाद संबोधन की ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
सुनीता केजरीवाल ने एक अन्य अकाउंट से पोस्ट किए गए वीडियो को रीट्वीट किया। जानकारी के लिए बता दें कि यह याचिका वकील वैभव सिंह द्वारा दायर की गई थी. अपनी याचिका में, वैभव सिंह ने दावा किया कि जब 28 मार्च को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद अरविंद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया था।
अदालत को व्यक्तिगत रूप से संबोधित करने का विकल्प चुना गया और कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गई, जो दिल्ली उच्च न्यायालय के अदालतों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम, 2021 के तहत निषिद्ध है।