LEH. लद्दाख में बड़ी घटना सामने आई है। दरअसल, यहां के दौलत बेग ओल्डी इलाके में सेना के एक टैंक के दुर्घटनाग्रस्त होने से एक जूनियर कमीशन अधिकारी और चार जवानों सहित भारतीय सेना के पांच जवानों की मौत हो गई है। आज सभी पांच शव बरामद कर लिए गए हैं। सेना के जवान जिस T-72 टैंक का संचालन कर रहे थे, वह नदी पार करने के अभ्यास के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
जानकारी के अनुसार लद्दाख के न्योमा-चुशूल इलाके में जवान एक्सरसाइज के बाद देर रात T-72 टैंक से लौट रहे थे। मिलिट्री टैंक ईस्टर्न लद्दाख के सासेर ब्रांगसा में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास श्योक नदी श्योक नदी पार कर रहा था, तभी पानी का लेवल अचानक बढ़ गया और जवान टैंक सहित नदी में डूबने लगे। लेह की फायर एंड फ्यूरी 14 कॉर्प्स के मुताबिक, हादसा LAC के चुशूल से 148 किलोमीटर दूर मंदिर मोड़ के पास हुआ।
रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन नदी में तेज बहाव और जलस्तर के कारण जवानों को बचाया नहीं जा सका। पांचों जवानों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनकी पहचान रिसालदार एमआर के रेड्डी इनमें एक जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर (JCO) भी थे। घटना शुक्रवार देर रात की है, लेकिन जानकारी आज यानी 29 जून को सामने आई है।
मृतकों में दफादार भूपेंद्र नेगी, लांस दफादार अकदुम तैयबम, हवलदार ए खान और नागराज पी शामिल हैं। वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि लद्दाख में नदी के पार टैंक ले जाते समय हादसे में हमारे पांच बहादुर सेना के जवानों की जान जाने पर दुख हुआ। हम राष्ट्र के प्रति अपने वीर सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भूलेंगे।
कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया। उन्होंने X पर लिखा- लद्दाख में टैंक के नदी पार करने के सैन्य अभ्यास के दौरान हुए हादसे में भारतीय सेना के पांच जवानों की शहादत का समाचार दुखद है। दुख की इस घड़ी में हम सभी शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़े हैं।
ऐसा हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार श्योक नदी के ऊपरी इलाके में बारिश के चलते अचानक पानी बढ़ गया। रात होने के चलते जवानों को इसका पता नहीं चल सका। आमतौर पर T-72 टैंक पर कमांडर, एक गनर और एक ड्राइवर होता है। हालांकि, हादसे के वक्त इस पर 5 जवान सवार थे।
जानिए T-72 टैंक के बारे में
T-72 टैंक 5 मीटर (16.4 फीट) गहरी नदियों को पार करने की क्षमता रखता है। यह एक छोटे डायमीटर वाले स्नोर्कल की मदद से नदी पार करता है। पानी के अंदर टैंक का इंजन बंद होने पर इसे 6 सेकेंड के भीतर चालू करना जरूरी होता है। ऐसा नहीं करने पर कम दबाव होने के कारण इंजन में पानी भर जाता है। इमरजेंसी के लिए इस पर सवार क्रू के सभी सदस्यों को रीब्रीदर दिया जाता है।