RAIPUR. छत्तीसगढ़ समेत देशभर में मेडिकल एंट्रेंस एग्जामिनेशन नीट यूजी का आयोजन पांच मई को होगा। इस एग्जाम से पहले हर स्टूडेंट को गाइडलाइन को जानना जरूरी है, नहीं तो सेंटर में परेशान हो जाएंगे। इस बार नीट यूजी में इन्विजिलेटर, बीच में थंब इंप्रेशन लेने आपके पास आएंगे। इस वक्त ध्यान रखें कि इसकी इंक ओएमआर पर न लगे।
वहीं, ओएमआर पर बिल्कुल काट पीट न करें। इनविजिलेटर को जिम्मेदारी पूर्वक ओएमआर सौंपकर आएं। बता दें कि इस परीक्षा के करीब 25 लाख रजिस्ट्रेशन हुए हैं। अब छात्रों के पास अपनी तैयारियों को फाइनल टच देने का ही समय बचा है। नीट के आधार पर एम्स के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिए जाएंगे।
जानकारों के अनुसार एग्जाम सेंटर में जो भी टेबल व कुर्सी अलॉट की गई है, उसे अच्छी तरह से जांच लें। देखें वहां कोई पर्ची, च्युइंगगम, ब्लू टूथ न हो, अगर कुछ मिले तो उसे एग्जामिनर को सौंप दें। वहीं यह भी चेक करें कि कुर्सी व टेबल हिल तो नहीं रही है। या टूटी-फूटी तो नहीं है। ऐसा होने से ओएमआर भरने में परेशानी आ सकती है।
जानकार बताते हैं कि कोई दवा लेते हैं तो प्रिस्क्रिप्शन के साथ टैबलेट लेकर जाएं। अगर रीनल पेन या अन्य किसी परेशानी से कभी भी तकलीफ होती है तो डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के साथ दवा सेंटर पर लेकर जाएं। एग्जाम के बीच दर्द होने पर पेपर में नुकसान होगा।
एग्जाम सेंटर पहुंचकर बहुत बच्चे किताब पढ़ते या चर्चा करते नजर आते हैं या फिर एग्जाम हॉल में पेपर मिलने से पहले तक भी वे डिस्कस करते हैं। आपकी तैयारी कैसी भी हो दूसरों की बातें सुनकर जरा भी न घबराएं। इससे पेपर बिगड़ सकता है। अगर किसी पार्ट में लगातार सवाल मुश्किल आ रहे हैं तो घबराएं नहीं और संयम रखें।
इस दौरान संभावना है कि आगे के सवाल आसान हों। अगर आप घबरा जाएंगे तो आसान सवालों में भी गलती कर बैठेंगे। नीट यूजी के पेपर को दो भागों में बांटकर सॉल्व करें। पहले भाग में आसान सवाल करें, जिनमें समय कम लग रहा है।
दूसरे भाग में कैलकुलेटिव और कॉन्सेप्शनल सवालों को हल करें। निगेटिव मार्किंग का ध्यान रखें। हिंदी मीडियम के छात्रों के लिए पेपर हिंदी व अंग्रेजी दोनों में आता है। कन्फ्यूजन होने पर वे इसे इंग्लिश में भी चेक कर सकते हैं।