RAIPUR. छत्तीसगढ़ में लोकसभा के चुनाव तो खत्म हो चुके हैं लेकिन आरोप प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौरा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस चुनाव में अपने बयान की वजह से नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत सुर्खियों में रहे। मुख्यमंत्री के कोरबा लोकसभा क्षेत्र की प्रत्याशी सरोज पांडेय को शेरनी कहने पर चरणदास महंत ने ये कह कर तंज कसा की वक्त आने पर शेरनी अपने बच्चों को खा लेती है। अब भाजपा के नेताओं ने इसको लेकर पलटवार किया है।
छत्तीसगढ़ में 2024 का लोकसभा चुनाव विवादास्पद बयानबाजी के लिए भी जाना जाएगा । चुनाव के शुरुआत में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत का मोदी का सिर फोड़ने वाला बयान दिया । उसके बाद बस्तर के प्रत्याशी कवासी लखमा ने मोदी के मरने के बात कही । भाजपा ने चुनावी मुद्दा बनाया और इसका जमकर प्रचार किया । इस बीच तीसरे चरण के चुनाव के दौरान एक सभा में मुख्यमंत्री ने कोरबा की भाजपा की प्रत्याशी सरोज पांडेय को शेरनी कहा ।
इस पर तंज कसते हुए वहां की कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के पति नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि शेरनी को जब मांस नहीं मिलता तो अपने बच्चों को खाती है । इसी तरह सरोज पांडे कोरबा में BJP नेताओं को खा जाएगी । शेरनी सरोज पांडे से कोरबा में BJP नेता और व्यापारी डरने लगे हैं। सरोज पांडे के लिए दुर्ग से लाट आया है ।
चरणदास महंत के बयान पर सरोज पांडेय ने कहा कि महंत जी की बातों पर तरस आता है। भाजपा ने अपने हर कार्यकर्ताओं को शेर बनाया है। महंत जी ने अपने कार्यकर्ताओं को पैर छूने, दरी बिछाने और पीछे चलने के लिए बनाया है। मैं कुछ भी बोलूंगी तो विवाद बढ़ेगा। महंत जी खुद विवेक से सोचे की उन्हें किस तरह की भाषा बोलने चाहिए।
वहीं भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने महंत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शेरनी तब तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती,जब तक उसे छेड़ा ना जाए। शेरनी तो अपने बच्चों की रक्षा करती है। नेता प्रतिपक्ष का ये बयान इस बात को साबित करता है कि उन्हें ज्योत्सना महंत की हार दिखाई दे रही है।
अब सवाल ये है कि चुनाव के समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के इस तरह के बयान क्या उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा था या फिर व्यक्तिगत सोच। अब इससे कांग्रेस को नुकसान हुआ है या फायदा यह तो परिणाम बताएगा।