PENDRA. जालसाजों का गिरोह सक्रिय है। लोगों को अपना शिकार बनाकर धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। वहीं इसी बीच गौरेला-पेंड्रा-मरवाही क्षेत्र में जालसाजों ने आधा लीटर दूध के बदले चांदी का सिक्का देकर पहले विश्वास जीता फिर नकली सोना थमा कर 2 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर दी। इसकी शिकायत पर पुलिस ने महिला समेती तीन आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से सोने-चांदी के जेवर, नकली जेवर व कई मोबाइल के साथ सिम जब्त किया है।
बता दें, गौरेला थाना क्षेत्र का मामला है। जानकारी के मुताबिक ग्राम बिजवार में रहने वाले पूरन लाल राठौर ने धोखाधड़ी की शिकायत की है। पीड़ित ने बताया कि वह दूध बेचने का काम करता है। दूध लेकर वह 28 अप्रैल को ग्राहक के घर दूध लेकर नीचे उतर रहे थे। इसी दौरान एक अनजान व्यक्ति उनके पास आया।
उसने अपने बच्चे को भूखा बताकर आधा लीटर दूध मांगा। रुपये नहीं होने की बात कहते हुए उसने चांदी का सिक्का दिया और मोबाइल नंबर लेकर चला गया। उसी शाम अनजान व्यक्ति ने फोन कर चांदी के सिक्के के संबंध में पूछताछ की। चांदी का सिक्का बाजार में चल जाने की बात कहने पर उसने अपनी पत्नी और बच्चे के बीमारी का बहाना किया।
उसने अपने पास दो लाख रुपये के सोने की चेन होने की बात कहते हुए दूध विक्रेता को खरीदने के लिए कहा। रुपये नहीं होने पर दूध विक्रेता ने उस दिन रुपयेनहीं होने की बात कहते हुए टाल दिया। तीन दिन बा एक माई को अनजान लोगों ने उन्हें रुपये लेकर रेलवे स्टेशन के पास बुलाया। रेलवे स्टेशन के पास सुनसान जगह पर जालसाजों ने नकली सोना थमाकर दो लाख रुपये ले लिए।
रुपये लेेने के बाद जालसाज वहां से भाग निकले। इधर सोना नकली होने की आशंका पर दूध विक्रेता ने जांच कराई। जांच में सोना नकली होने पर उन्होंने पूरे मामले की शिकायत गौरेला थाने में की। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जुर्म दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी।
साइबर सेल से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने ओडिसा के सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत हिमगिर में दबिश देकर दुर्ग जिले के खुर्सीपार क्षेत्र अंतर्गत शांतिपारा निवासी प्रभु सोलंकी उम्र 35 वर्ष, डोंगरगढ़ क्षेत्र के इंदिरानगर निवासी लक्ष्मण राठौर उम्र 28 वर्ष और सीता सोलंकी उम्र 30 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया। मामले में एक आरोपित अरविंद फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। आरोपित के कब्जे से सोने-चांदी के जेवर, नकली जेवर और कई मोबाइल व सिम जब्त किया है।
लगातार सक्रिय है गिरोह
जानकारी के मुताबिक आरोपित और उसके परिवार के सदस्य अलग-अलग जगहों पर डेरा डालकर कांच की कटिंग का काम करते हैं। इसी दौरान वे लोगों को फंसाने के लिए पहले असली सोना या चांदी देकर भरोसा जीत लेते हैं। इसके बाद बीमारी का बहाना कर कम दाम में सोना-चांदी बेचने का झांसा देकर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम देकर भाग निकलते है।