RAIPUR. शराब घोटाले मामले से केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार लोगों की प्रॉपर्टी अटैच करनी शुरू कर दी है। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर की करोड़ों की संपत्ति सीज कर दी है। इसकी जानकारी ईडी ने सोशल मीडिया दी।
ईडी रायपुर के अनुसार 18 करोड़ रुपए मूल्य की 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है। छत्तीसगढ़ राज्य में शराब घोटाले की चल रही जांच में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अन्य से संबंधित 205.49 करोड़ (लगभग) संपत्तियों को कुर्क किया है। इन प्रॉपर्टी में रायपुर की आलीशान होटल और मल्टी स्टोरी बिल्डिंग भी शामिल है।
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल का है। दो हजार करोड़ रुपए के शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए आरोपितों की जब्त की गई अधिकांश अचल सम्पति वीआईपी रोड के आसपास तथा नवा रायपुर में है।
बता दें कि शराब घोटाले में पूर्व मंत्री, IAS अफसर, पूर्व आबकारी अधिकारी और बड़े कारोबारी शामिल हैं। इनमें अनिल टुटेजा 2003 बैच के IAS अफसर हैं जो अभी ED की हिरासत में हैं।
वहीं कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन 8 मई तक EOW की रिमांड पर हैं। इसके अलावा कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी 16 मई तक जेल में रहेंगे।
क्या है ईडी का आरोप
ED ने बताया कि 2017 में शराब की खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई थी, लेकिन सरकार बदलने के साथ ही ये सिंडिकेट के हाथ का एक टूल बन गई। आरोप है कि CSMCL से जुड़े कामों के लिए सारे कॉन्ट्रैक्ट इस सिंडिकेट से जुड़े लोगों को ही दिए जा रहे थे।
ED का दावा है कि सिंडिकेट ने अवैध शराब की बिक्री से ‘बड़ा कमीशन’ कमाया, ये रकम अनवर ढेबर को दी गई और फिर उसने इसे राजनीतिक पार्टी तक साझा किया।