BHILAI. जिले में अवैध प्लाटिंग का खेल जोरों से चल रहा है। इसमें भी कोई संदेह नहीं है कि इस खेल में सत्ता पक्ष, विपक्ष व प्रशासनिक अमला शामिल नहीं हैं। ठीक ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें 90 डिसमिल जमीन की परमिशन लेकर 4 एकड़ में अवैध प्लाटिंग कर दी गई है। भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व सभापति ने शुक्रवार को एक पत्रवार्ता लेकर उक्त आरोप लगाया है।
भिलाई निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा व पूर्व सभापति राजेंद्र सिंह अरोरा ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी व भिलाई निगम के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव से की है। दोनों ने शिकायत में बताया कि प्रतीक अग्रवाल पिता सुरेश कुमार का श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन, मेसर्स श्याम इंफ्रा. और श्री श्याम बिल्डकॉन नाम से तीन अलग-अलग फर्म है, जिसके पार्टनर प्रतीक अग्रवाल पिता सुरेश कुमाह हैं। प्रतीक अग्रवाल ने इन फॉर्मों के नाम पर जुनवानी क्षेत्र में कई एकड़ जमीन खरीदी है। इसके बाद इन्होंने मात्र 90 डिसमिल भूमि का विकास अनुज्ञा लिया और इसकी आड़ में लगभग 4 एकड़ जमीन में प्लाटिंग कर डाली है।
भोजराज व अरोरा ने आरोप लगाया है कि प्रतीक अग्रवाल ने इस तरह की धोखाधड़ी करके ना सिर्फ निगम प्रशासन और शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है, बल्कि गरीबों का हक भी मारा है। यदि प्रतीक अग्रवाल ने लगभग 4 एकड़ जमीन में प्लॉटिंग करने की परमिशन ली होती तो उन्हें रेरा से लाइसेंस की जरूरत पड़ती। ऐसे में रेरा के नियम के मुताबिक उन्हें उस कालोनी में रोड, नाली, पानी की सुविधा देने के साथ ही गरीब वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए भी अलग से जमीन छोड़नी पड़ती। उन्होंने ऐसा ना करके एक एकड़ से कम यानी 90 डिसमिल जमीन में प्लाटिंग का विकास अनुज्ञा लेकर रेरा से अपने आपको बचाया और उसकी जगह लगभग चार एकड़ जमीन में प्लाटिंग कर डाली है।
आरोप, इस तरह से फर्जीवाड़ा
भोजराज सिन्हा व राजेंद्र सिंह अरोरा ने कलेक्टर से शिकायत में बताया कि इन्होंने तीन फर्म के नाम पर जुनवानी में लगभग 4 एकड़ जमीन रायल ग्रीन के अंदर खरीदी। श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन के नाम पर 2 नवंबर 2021 को लगभग 90 डिसमिल जमीन का विकास अनुज्ञा लिया। इसके बाद शेष जमीन जो उस जमीन से लगी हुई है। उसे 90 डिसमिल जमीन अनुज्ञा की आड़ में प्लाट काटकर बेचा जा रहा है। इसी तरह से चौहान ग्रीन वेली के फेस 2 के अंदर खसरा नंबर 34 और 39 में लगभग 2 एकड़ जमीन खरीदी।
बिना परमिशन के ही वहां अवैध प्लांटिंग करके कई प्लाट बेच दिए गए और कई प्लाटों की ब्रिकी अभी की जा रही है। जुनवानी में महर्षि विद्या मंदिर के पीछे लगभग 2 एकड़ जमीन में अवैध प्लाटिंग की गई है। साथ ही वहां मौजूद आस-पास स्थित लोगों की जमीनें भी बेची जा रही है। ग्राम खपरी में खसरा नंबर 231 की जमीन को तहसीलदार द्वारा बिक्री पर प्रतिबंध लगाते हुए रजिस्टार को रजिस्ट्री पर रोक लगाने के लिए पत्र लिखा था। इस पर पूर्व सरकार के पहुंच वाले लोगों ने बैन को हटवा दिया और फिर इस जमीन की रजिस्ट्री प्रतीक अग्रवाल ने अपने फर्म के नाम पर करवाकर उसमें अवैध प्लाटिंग की गई। ठीक इसी तरह से ग्राम कातुल बोर्ड में अपने फर्म के नाम पर फिर से जमीन का बड़ा रकबा खरीदा।
कई प्लाटिंग में ऐसा खेल
दुर्ग जिले में जगह-जगह प्लाटिंग का खेल चल रहा है। अक्सर शिकायतें आती है कि बिना टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से परमिशन लिए ही प्लाटिंग कर दी गई है। सबसे ज्यादा शिकायतें कोहका, कुरुद, जामुल, जुनवानी, खम्हरिया आदि क्षेत्रों से मिलती है। इसके बावजूद बेधड़क प्लाटिंग कर जमीनें बेची जा रही है। सवाल यह भी उठता है कि यह सब किनके संरक्षण में हो रहा है।