NEW DELHI. दिल्ली-एनसीआर के 97 से ज्यादा स्कूलों को बुधवार सुबह ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली। इसके बाद एहतियात के तौर पर सभी स्कूल परिसरों को खाली कराया गया। इसके फौरन बाद एहतियाति तौर पर स्कूल प्रशासन ने माता-पिता और गार्जियन को मैसेज किए और स्कूल को खाली करा लिया गया( इस दौरान गार्जियन अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित भी दिखे।
इसकी सूचना के बाद दिल्ली पुलिस अलर्ट हो गई है और दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी बम निरोधक दस्ता के साथ स्कूलों में पहुंचे और चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। यहां कुछ भी नहीं मिलने के बाद स्कूलों को आउट ऑफ डेंजर (खतरे से बाहर) करार दिया गया।
वहीं, बम कॉल पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इस पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। उपराज्यपाल ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस कमिश्नर से बात की और दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में बम की धमकी पर डिटेल रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली पुलिस को स्कूल परिसर में तलाशी लेने, दोषियों की पहचान करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि मामले में किसी तरह की कोई चूक न हो।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि आज सुबह मिली स्कूलों में बम की सूचना पर दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्राथमिक जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया है। परिस्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। आप सभी से अनुरोध है कि कानून पर भरोसा रखें और शांति बनाए रखें।
हालांकि पुलिस का कहना है कि यह अपवाह है। गौतमबुद्ध नगर के संयुक्त पुलिस आयुक्त सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था शिव हरी मीणा का कहना है कि डीपीएस को धमकी भरा ई-मेल मिलने की सूचना पर डाग स्क्वायड तीन के साथ पुलिस टीम द्वारा स्कूल परिसरों की सघन छानबीन कराई गई। उनके मुताबिक अभी तक की जांच में धमकी सिर्फ अफवाह थी।
जांच एजेंसियों को शक है कि ईमेल भेजने के लिए जिस आईपी एड्रेस का इस्तेमाल हुआ है, उसका सर्वर विदेश में मौजूद है। कुल मिलाकर 97 स्कूलों को मिली धमकी के मामले में नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली पुलिस कॉर्डिनेशनल के साथ तफ्तीश कर रही है।
इस बात की आशंका जताई जा रही है कि ईमेल भेजने के लिए एक ही आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था. दिल्ली पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है। जवानों को स्कूलों के बाहर तैनात कर दिया गया है, ताकि किसी भी अनहोनी से निपटा जा सके।
इंटरपोल की ली जा रही मदद
वहीं, एजेंसियों को इस बात का भी शक है कि स्कूलों को धमकी भरे ईमेल भेजने में किसी एक शख्स का नहीं, बल्कि किसी संगठन का हाथ हो सकता है। इस साजिश के तार विदेश से जुड़े हो सकते हैं. साजिश के तहत आज का दिन और वक्त सुनिश्चित किया गया था। इसके पीछे आधार है कि सभी स्कूलों को एक साथ और एक वक्त पर करीब-करीब एक जैसा ईमेल मिला। आईपी एड्रेस विदेश में मौजूद एक ही सर्वर का निकला। साजिश की तह तक जाने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है।