NEW GOVRNMENT IN PALESTINE. गाजा पट्टी में पिछले साल 7 अक्टूबर से चल रहे युद्ध के बीच फिलीस्तीन में नई सरकार का गठन हो गया है और मोहम्मद मुस्तफा ने नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है।। इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या वो गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करवा पाएंगे।
फिलीस्तीन प्राधिकरण जो शांति के साथ इजराइल के साथ फिलीस्तीन को लेकर समझौता चाहता है, उसमें लबें वक्त से सुधार के लिए काफी इंटरनेशनल प्रेशर था और इस बीच नई सरकार का गठन हो गया है।
मोहम्मद मुस्तफा बने प्रधानमंत्री
फिलीस्तीन समाचार एजेंसियों के रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा के नेतृत्व में कैबिनेट ने रविवार को कब्जे वाल वेस्ट बैंक में रामल्ला में राष्ट्रपति महमूद अब्बास के समक्ष अधिकारिक तौर पर शपथ ले ली है।
मुस्तफा को इस महीने की शुरुआत में पूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह के स्थान पर नियुक्त किया गया था। जिन्होंने फरवरी में अपनी सरकार के साथ इस्तीफा दे दिया था। समारोह के बाद अब्बास ने नई सरकार की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइली आक्रामकता को रोकने के लिए अरब और अंतरराष्ट्रीय दलों के साथ काम चल रहा है।
अब्बास ने कहा कि हमारा राजनीतिक लक्ष्य स्वतंत्रता आजादी और कब्जे से मुक्ति हासिल करना है और हम संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने के लिए संबंधित अरब और अंतरराष्ट्रीय दलों के साथ्ज्ञ काम कर रहे है।
अब्बास ने प्रदर्शन को बढ़ाने और हर जगह फिलीस्तीनी लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरगामी संस्थागत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई सरकार को गाजा में मानवीय राहत प्रयासों और फिलीस्तीनी अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होगी।
प्रशासन में सुधार लाने अमेरिका बना रहा दबाव
जानकारी के मुताबिक फिलीस्तीन प्राधिकरण को वेस्ट बैंक में अपने प्रशासन में सुधार लाने के लिए अमेरिका की तरफ से तीव्र दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस लंबे समय से अमेरिकी राजनेताओं और खुद फिलिस्तीनियों की तरफ से भी भ्रष्ट शासन के तौर पर देखा गया है। इसलिए इसने काफी हद तक अपनी विश्वसनीयता और जनाधार खो दिया है।