RAIPUR. छत्तीसगढ़ में 7 करोड़ रुपए की GST चोरी का खुलासा हुआ है। इसके साथ ही प्रदेश के गुटखा कारोबारियों के छापे के बाद जांच तेज हो गई है। स्टेट जीएसटी विभाग का दावा है कि अब तक सात करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी सामने आ चुकी है। पिछले महीने ही विभाग की टीम ने एक साथ रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ समेत कई जिलों में एक साथ गुटखा कारोबारियों के दफ्तरों और फैक्ट्रियों में छापा मारा था।
जानकारी के अनुसार स्टेट जीएसटी राज्य के सभी बड़े गुटखा कारोबारियों के कई साल के रिटर्न खंगाल रहे हैं। इसमें कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। लगभग सभी कारोबारियों का कारोबार करोड़ों में है, लेकिन रिटर्न में इसे बेहद कम दिखाया जा रहा था।
छत्तीसगढ़ का गुटखा देश के कई राज्यों में भेजा जा रहा है, लेकिन रिटर्न में इसकी जानकारी नहीं दी जा रही थी। यही वजह है कि विभाग की टीम ने एक साथ कई जगहों पर छापा मारकर इसका भौतिक सत्यापन भी किया। करीब एक दर्जन जगहों पर छापेमारी के बाद ही इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया गया है।
अब इस मामले में अफसरों की टीम बनाकर जांच की जा रही है। अफसरों के मुताबिक तंबाखू, गुटखा और पान मसाला के टैक्स में लगातार चोरी हो रही है। छत्तीसगढ़ में गुटखा कारोबारियों का एक खास सिंडिकेट है जो बिना टैक्स के ही ज्यादा से ज्यादा कारोबार कर रहा है।
इसी तरह की शिकायत देश के और राज्यों से भी आ रही थी। यही वजह है कि पिछले साल 1 अप्रैल से इसके टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। केंद्र सरकार ने पान मसाला एवं तंबाकू उत्पाद बनाने वाली कंपनियों पर प्रभावी खुदरा बिक्री मूल्य (एमआरपी) पर आधारित जीएसटी उपकर तय किया है।
नए नियम के अनुसार पान मसाला पाउच के एमआरपी का 0.32 गुना, तंबाकू गुटखा वाले पान मसाले पर 0.61 गुना और सिगरेट एवं पाइप वाली तंबाकू सामग्री के लिए टैक्स 0.69 गुना है।
सरकार का दावा है कि खुदरा बिक्री मूल्य के आधार पर जीएसटी उपकर लगाने से तंबाकू, पान मसाला व सिगरेट जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को अब पान मसाला एवं तंबाकू उत्पादों के कारखाने से बाहर निकलते समय ही अंतिम खुदरा मूल्य पर उपकर चुकाना होगा। इससे टैक्स चोरी रुकेगी।