RAIPUR. शराब घोटाले में ACB और EOW का बड़ा एक्शन लेते हुए शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई है अनवर ढेबर। मिली जानकारी के अनुसार कुम्हारी टोल प्लॉजा के पास से अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया है। ताजा जानकारी मिलने तक EOW-ACB के दफ्तर में पूछताछ जारी है।
राजधानी रायपुर में शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू एसीबी का बड़ा एक्शन सामने आया है। जहां अरविंद सिंह के बाद अनवर ढेबर भी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। ईडी ने अनवर ढेबर को शराब घोटाले का किंगपिन बताया था। Ed के पत्र पर ईओडब्ल्यू और एसीबी ने केस दर्ज किया है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ से 2000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला सामने आया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में रायपुर के महापौर एवं कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर को मई में भी गिरफ्तार किया था। एजाज ढेबर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी बताए जा रहे थे। गिरफ्तार करने के बाद एजाज ढेबर के भाई को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया था। कोर्ट ने ढेबर को चार दिन की रिमांड पर भेजा दिया था। बाद में उन्हे जमानत मिली थी।
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि अवैध शराब सिंडिकेट के भ्रष्टाचार के पैसों का चुनाव में इस्तेमाल किया गया था। ईडी ने आरोप लगाया है कि आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में अवैध शराब सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं।
रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर आवेदन में ईडी ने दावा किया गया था कि इस सिंडिकेट में बड़े अधिकारी और सियासी लोग भी शामिल हैं। ईडी ने कहा कि जांच में पता लगा है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब अवैध थी। सरकारी शराब दुकानों में लिस्टेड ब्रांडेड शराब के साथ 30 से 40 प्रतिशत देसी शराब बेची गई। जिसका राजस्व सरकार को नहीं मिला। आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा रिश्वत की रकम इकट्ठी करते थे। ये सिंडिकेट अपना हिस्सा निकालकर बाकी राशि राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए भेज देता था।