AMERICA. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरूवार को कांग्रेस में अपने स्टेट आफ द यूनियन भाषण में काफी आक्रामक बयान बाजी की है और चीन के साथ रूस और भारत को लेकर भी बयान दिए है। उन्होंने संसद में बोलते हुए जियो-पाॅलिटिक्स में चीन के आक्रामक उदय के बीच भारत जैसे देशों के साथ साझेदारी को पुर्नजीवित करने का वादा किया है, जबकि उन्होंने पूर्ववर्ती और रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प की भी जमकर आलोचना की।
संसद को संबोधित करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि वह रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर के सामने नहीं झुकेंगे। अमेरिका अब राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल हो चुका है और इस साल 5 नवंबर को देख में चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से पहले बाइडेन का ये भाषण काफी ज्यादा आक्रामक था। कई डेमोक्रेटिक सांसद भी बाइडेन के इस उग्र भाषण को सुनकर हैरान है।
भारत, चीन और रूस पर बोले बाइडेन
नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों से पहले आखिरी स्टेट आफ द यूनियन भाषण में बाइडेन ने भारत, चीन और रूस पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अमेरिका चीन के साथ संघर्ष नहीं बल्कि प्रतिस्पर्धा चाहता है और उनका देश बीजिंग के खिलाफ 21वीं सदी की प्रतियोगिता जीतने के लिए मजबूत स्थिति में है।
उन्होंने कहा कि हम चीन की अनुचित आर्थिक प्रथा के खिलाफ खड़े हैं, ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए खड़े हैं, लेकिन सहयोगियों और प्रशांत, भारत, आस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण और कोरिया के साथ अपनी साझेदारी को पुनःजीवीत कर रहे है।
राष्ट्रपति के नाते उपलब्धियां गिनाई
उन्होंने अपनी उपलब्धियां गिनाई। उन्होंने कहा कि चीन बढ़ रहा है और अमेरिका पीछे की ओर गिर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी है।
उनके सत्ता में आने के बाद से विश्व और देश की सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है, जबकि चीन के साथ व्यापार घाटा एक दशक में सबसे निचले स्तर पर आ गया है। बाइडेन ने कहा कि मैंने य सुनिश्चित किया है कि सबसे एडवांस अमेरिकी टेक्नालाॅजी का उपयोग चीन के हथियारों में नहीं किया जा सकता।
पुतिन के आगे घुटने नहीं टेकेंगे
बाइडेन ने अपने 68 मिनट के भाषण में लोकतंत्र को खतरे में डालने और पुतिन के सामने झुकने के लिए भी ट्रम्प की आलोचना की और आरोप लगाया। बाइडेन ने अपने भाषण की शुरूआत में नाटो के खिलाफ बयान बाजी के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की आलोचना की।