FOREIGN MINISTER S JAISHANKER. इजरायल हमास और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत ने एक बार फिर से अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है। एस जयशंकर मलेशिया की यात्रा पर है। पहले दिन विदेश मंत्री ने मलेशियाई भारतीय कांग्रेस के अध्यक्ष टैन श्रीएसए विग्नेश्वरन से मुलाकात की। इस दौरान विग्नेश्वरन ने नई दिल्ली-कुआलालंपुर संबंधों के लिए उनके समर्थन की सराहना की।
बता दें, विदेश मंत्री एस जयशंकर मलेशिया की यात्रा पर हैं, उसके बाद सिंगापुर और फिलीपींस की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान मलेशिया में रूस-यूक्रेन संघर्ष का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को इस मुद्दे पर मास्को से बहुत स्पष्ट रूप से बात की गई है।
विदेश मंत्री ने कहा भारत के इस रूख से अन्य देश भी प्रभावित हैं। हम ऐसे देश हैं जिसने यूक्रेन मुद्दे पर रूसियों के साथ स्पष्ट रूप से अपनी बात रखी है। यही नहीं दूसरे देशों ने भी अपनी बात रूस तक पहुंचाने के लिए भारत का सहारा लिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने रूस यूक्रेन युद्ध पर जो स्टैंड लिया था वो इजरायल-हमास के बीच संघर्ष पर भी कायम है। उन्होंने कहा कि गाजा-इजरायल संघर्ष नैतिक दमन का मुद्द नहीं है।
यह आज इस बात को समझने का मुद्दा है कि वास्तविक जीवन में वास्तव में बहुत सारी जटिलताएं हैं और इस पर विचार किया जाना चाहिए।
इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के बीच भारत अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत ने एक बार फिर से अपना दृष्टिकोण स्पष्ट किया है।
पीएम मोदी के एक बयान की याद दिलाते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले साल उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति पुतिन से कहा था कि वह युद्ध का युग नहीं है।
यही नहीं इसके अलावा भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 समिट में भी इस बात पर चर्चा हुई।