RAIPUR. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए देश वासियों के लिए 85 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक लागत की लगभग छह हजार छोटी-बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ में भी लगभग 150 करोड़ रुपए की 43 रेल परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया। रेलवे के बुनियादी ढांचा विकास की इन परियोजनाओं के शुभारंभ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी शामिल हुए। रायपुर रेलवे स्टेशन पर हुए कार्यक्रम में लगभग 670 से अधिक रेलवे स्टेशनों और अन्य स्थानों से भी वीडियो कॉफ्रेसिंग द्वारा लोग शामिल हुए।
दरअसल, राज्यपाल हरिचंदन और मुख्यमंत्री साय ने स्थानीय कार्यक्रम में रायपुर मण्डल की रेल विकास परियोजनाओं के शिलालेखों से पर्दा हटाकर औपचारिक अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉफ्रेसिंग के जरिए अहमदाबाद कमांड सेंटर से हरी झंडी दिखाकर 10 नई वंदे भारत रेल गाड़ियों को भी रवाना किया। इस अवसर पर सांसद सुनील सोनी, मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू राजेश मूणत और ज़िला तथा रेल प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहें।
छत्तीसगढ़ में वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट योजना के तहत रायपुर रेल मंडल के रायपुर, मांढर, मंदिर हसौद, तिल्दा-नेवरा, सरोना और उरकुरा रेलवे स्टेशनों सहित राज्य के 18 रेलवे स्टेशनों पर 34 स्टॉलों का लोकार्पण किया गया। पीएम मोदी ने जांजगीर-नैला और पेण्ड्रा रेलवे स्टेशनों पर जन औषधि केन्द्र, दुर्ग कोचिंग डिपो में पीटलाईन का उन्नयन, बिलासपुर में रेल कोच रेस्टोरेंट का लोकार्पण भी किया। मोदी ने बिलासपुर में वन्दे भारत मेंटनेंस डिपो, भिलाई में मेमू कार शैड विस्तार, अंबिकापुर मे नई पीटलाईन निर्माण का शिलान्यास भी किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रेलवे के इतिहास में पिछले 100 वर्षों में भी एक कार्यक्रम में इतनी बड़ी संख्या में रेल परियोजनाओं के शुभारंभ का कार्यक्रम आज पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि इस नये साल के पिछले 75 दिनों में ही देश में 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हो चुका है। उन्होंने इसे विकसित भारत की दिशा में देश का एक बड़ा कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे लंबे समय से राजनीति और क्षेत्रवाद का शिकार रही है। रेलों में डब्बे बढ़ाना, स्टॉपेज बढ़ाना ही रेल की प्रगति के मायने रहें थे। बीते समय में रिजर्वेशन की लंबी लाईनें, दलाली और कमिशन के साथ गंदगी ने भारतीय रेल की स्थिति नरकीय बना दी थी। वर्ष 2014 में देश के 9 राज्यों की राजधानियां रेल नेटवर्क से अछूती थी। 10 हजार से अधिक रेल क्रॉसिंग फाटक विहीन थी। श्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने भारतीय रेल को नरक जैसी स्थिति से बाहर लाने की इच्छा शक्ति दिखाई है। रेवले के बजट को समान्य बजट के साथ शामिल कर छह गुना बढ़ाया गया है।
रोजगार सृजन के भी बन रहे अवसर: राज्यपाल
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे विकास के राजमार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है। वन्दे भारत ट्रेनों का चलना और अमृत स्टेशनों का निर्माण इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने कहा कि रेलवे देश की जीवन रेखा है। रेलवे के विकास का सीधा प्रभाव देश के विकास पर होता है। भारतीय रेलवे अपनी अधोसंरचना में तेजी से सुधार करते हुए रोजगार के अवसर भी सृजित कर रही है।
छत्तीसगढ़ के स्टेशनों में सुविधा विस्तार होगा: CM साय
CM विष्णुदेव साय ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन देश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के लिए भी एतिहासिक है। 85 हजार करोड़ रुपए से अधिक के रेल परियोजनाओं के लिए साय ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेल सुविधाओं के विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के बेहतर अवसर मिलेंगे। उन्होंने छत्तीसगढ़ के 32 स्टेशनों में वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के तहत बिक्री केन्द्रों का शुभारंभ करने और जांजगीर-नैला तथा पेंड्रा रोड स्टेशन पर जन औषधि केन्द्र खोलने के साथ अन्य दूसरे विकास कार्यों के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया।