RAJIM. छत्तीसगढ़ के राजिम कुंभ कल्प मेला की भव्यता दिनों दिन बढ़ रही है। राजिम कुंभ में माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक भव्य मेला का आयोजन होता है। कुंभ कल्प के तहत विराट संत-समागम का कार्यक्रम 3 मार्च से होगा।
धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निर्देश पर नदी के बीच में राजिम मेला संत-समागम स्थल पर साधु-सतों, महामंडलेश्वरों, आचार्यों के लिए विशाल डोम, स्विस कॉटेज, कुटिया और यज्ञ शाला बनाए जा रहे हैं।
राजिम कुंभ कल्प के यज्ञ शाला में संत-महात्माओं द्वारा यज्ञ अनुष्ठान को पूरी वैदिक रीतियों के साथ कराया जाएगा। संत समागम के विशाल मंच से संतों के प्रवचन आशीषवचन के रूप में श्रद्धालुओं को सुनने का पुण्य लाभ भी मिलेगा।
संत-समागम स्थल में प्रतिदिन होने वाले यज्ञ हवन के लिए यज्ञ शाला का निर्माण किया गया है। राजिम कुंभ कल्प में पधारे संतों द्वारा वैदिक मंत्रोत्चारण से हवन किया जाएगा। इसमें हरिद्वार, प्रयागराज, कांसी, बनारस, मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, अमरकंटक, चित्रकूट, उत्तराखंड से बड़ी संख्या में साधु-संतों की टोली राजिम कुंभ कल्प मेला में पहुंचेगी।
इन धर्म गुरुओं को शामिल होने का न्यौता
संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि धर्म गुरुओं को कुंभ में शामिल होने का न्योता भेजा है, जिस पर महात्माओं ने आने का आश्वासन दिया है। इस बार कुंभ में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद महाराज, अविमुक्तेश्वरानंद महाराज, सदानंद महाराज, पंडित प्रदीप मिश्रा, साध्वी ऋतंभरा दीदी, महामंडलेश्वर विशोकानंद भारती, डॉ. शिवस्वरूपानंद, रामकृष्णानंद, यतिन्द्रानंद, डॉ. रामेश्वर, पंडोखर सरकार जैसे बड़े-बड़े दिग्गज शामिल होंगे।
भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प
रोजाना मुख्य मंच से शाम को संतों का उद्बोधन भी होगा। धर्म संसद में धर्म चर्चा के लिए साधु-संतों के आने का दौर भी शुरू हो गया है। भगवान श्रीराम को समर्पित यह कुंभ कल्प श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है।
संत समागम भी राममय होकर राम की भक्ति में सराबोर होने का अवसर लोगों को मिलेगा। दर्शक दीर्घा में एक विशाल LED स्क्रीन लगाई गई है, ताकि दूर-दराज तक बैठे दर्शकों को संतों के दर्शन और उनका आशीर्वचन सुनने को मिल सके।