RAIPUR. देश में नई शिक्षा नीति आने के बाद लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में शिक्षा सत्र 2023-24 के तहत BSC नर्सिंग में सिस्टम बदला गया है। इसके अनुसार इस बार नर्सिंग प्रवेश 50 परसेंटाइल की बाध्यता नहीं होगी।
अब इसे शून्य किया जा रहा है। इस वजह से पिछले साल Entrence Exam देने वाले सभी स्टूडेंट्स इसमें एडमिशन के लिए पात्र होंगे। खाली सीटों के लिए एक बार फिर काउंसिलिंग होगी।
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में नर्सिंग की पढ़ाई 143 कॉलेजों में हो रही है। इसमें 8 सरकारी और 135 प्राइवेट कॉलेज हैं। इनमें बीएससी नर्सिंग की करीब 7 हजार सीटें हैं। वर्तमान सत्र के अनुसार इस कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया पिछले साल 31 अक्टूबर तक चली।
तब प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता 50 परसेंटाइल थी। व्यापमं की प्रवेश परीक्षा में 45 हजार से अधिक छात्र शामिल हुए थे। हालांकि, 50 परसेंटाइल के अनुसार करीब 27 हजार स्टूडेंट्स एडमिशन के लिए पात्र हुए थे।
इसमें से 4 हजार छात्रों ने प्रवेश लिया था। जबकि तीन हजार सीटें खाली है। अब परसेंटाइल की बाध्यता खत्म की गई है। इस संबंध में शासन की आेर से चिकित्सा शिक्षा को पत्र भेजा गया है। यह बाध्यता खत्म होने के बाद एंट्रेंस एग्जाम देने वाले सभी स्टूडेंट्स नर्सिंग में एडमिशन ले सकेंगे।
जानकारों का कहना है कि पिछले वर्षों में भी नर्सिंग में प्रवेश की प्रक्रिया देर तक चली थी। तब नवंबर व दिसंबर तक ही एडमिशन दिए गए थे। लेकिन इस बार खाली सीटों के लिए फरवरी में काउंसिलिंग की तैयारी है।
BSC नर्सिंग की सेसेस्टर प्रणाली से हो रही पढ़ाई
BSC नर्सिंग कोर्स की अवधि चार वर्ष की है। प्रदेश में इसकी पढ़ाई अब सेमेस्टर प्रणाली से हो रही है। यानी कोर्स छह महीने में बंटा है। छह माह के भीतर परीक्षा होनी है। इसलिए माना जा रहा है कि बीएससी नर्सिंग फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में हो सकती है।
बता दें कि बीएससी नर्सिंग की करीब तीन हजार सीटें खाली है। इसकी काउंसिलिंग संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के माध्यम होगी। इसके लिए जल्द शेड्यूल जारी किए जाएंगे।