GARIABAND.प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही इसका असर प्रदेश के स्थानीय निकायों-पंचायती राज संस्थाओं में कांग्रेस समर्थित निर्वाचित अध्यक्षों पर अविश्वास प्रस्ताव के रूप में देखी जा सकती है। इसी कड़ी में राजिम सीमा से लगे नगर पंचायत गोबरा नवापारा में कांग्रेस समर्थित अध्यक्ष के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया जो फ्लोर टेस्ट में ध्वस्त हो गया और अध्यक्ष धनराज को सफलता मिली। जिसके चलते अब भी धनराज अध्यक्ष बने रहेंगे।
बता दें, छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आने के बाद से ही राजनीतिक तौर पर बहुत से बदलाव हो रहे है। वहीं नगरीय निकाय व पंचायतों में भी इसका असर साफ देखने को मिला। नगर पंचायत राजिम की सीमा से लगे नगर पालिका परिषद गोबरा में भी अध्यक्ष धनराज को पद से हटाने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसमें मतदान 5 फरवरी को हुआ। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव पर रायपुर कलेक्टर के दिशानिर्देश पर अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई के नेतृत्व में गठित टीम की निगरानी में अविश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान कराया गया। जिसमें 21 पार्षदों ने मतदान किया। फ्लोर टेस्ट के दौरान अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 8 मत पड़े। वहीं 11 मत विरोध में पड़े व दो मत निरस्त हो गए। इस तरह से धनराज को अध्यक्ष पद पर बने रहने में सफलता मिली।
जारी है अविश्वास प्रस्ताव का दौर
जब से प्रदेश की बागडोर भाजपा के हाथ में गई है। तब से ही प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। सबसे पहले रायपुर नगर निगम में महापौर एजाज ढेबर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की बात होती रही लेकिन महापौर की स्थिति मजबूत होने के कारण संभव नहीं हो पाया। वहीं 23 दिसंबर से 5 फरवरी तक नगरीय निकाय के 4 अध्यक्षों सहित एक जनपद पंचायत अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा हटाया जा चुका है।
इनकी कुर्सी गई हाथ से
कवर्धा जिले के कांग्रेस के नगर पंचायत पांडातराई के अध्यक्ष फिरोजखान 7 दिसंबर, महासमुंद में जिले के सराईपाली नगर पालिका अध्यक्ष अमृत पटे 26 दिसंबर, बेमेतरा जिले नगर पंचायत नवागढ़ अध्यक्ष्ज्ञ तिलक घोष, 27 दिसंबर व 19 जनवरी को कांकेर जिले के बहुतचर्चित नगर पंचायत पखांजुर के अध्यक्ष बप्पा गांगुली के साथ्र रायपुर जिला जनपद पांचायत आरंग के अध्यक्ष खिलेश देवांगन को अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अपनी कुर्सी गवानी पड़ी।