DONGARGARH. डोंगरगढ़ स्थित चन्द्रगिरि तीर्थ में आचार्य प्रवर श्री विद्यासागर जी महामुनिराज माघ शुक्ल अष्टमी को पर्वराज के अंतर्गत उत्तम सत्य धर्म के दिन ब्रह्मलीन हो गए। दिगंबर मुनि परंपरा के आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने शनिवार रात 2:35 बजे अपना शरीर त्याग दिया। मुनि श्री विद्यासागर जी महाराज के देहत्याग की खबर मिलते ही डोंगरगढ़ के चन्द्रगिरि तीर्थ पर लोगों का जुटना शुरू हो गया है।
आचार्य विद्यासागर महाराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जी का ब्रह्मलीन होना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। लोगों में आध्यात्मिक जागृति के लिए उनके बहुमूल्य प्रयास सदैव स्मरण किए जाएंगे। वे जीवनपर्यंत गरीबी उन्मूलन के साथ-साथ समाज में स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने में जुटे रहे। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे निरंतर उनका आशीर्वाद मिलता रहा। पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी जैन मंदिर में उनसे हुई भेंट मेरे लिए अविस्मरणीय रहेगी। तब आचार्य जी से मुझे भरपूर स्नेह और आशीष प्राप्त हुआ था।

श्रीविद्यासागर जी के शरीर त्यागने की खबर मिलने के बाद जैन समाज के लोगों का डोंगरगढ़ में जुटना शुरू हो गया है। आज दोपहर 1 बजे उनकी अंतिम संस्कार विधि होगी। पिछले साल 5 नवंबर को पीएम मोदी ने डोंगरगढ़ पहुंचकर मुनि श्री का आशीर्वाद लिया था। तब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी का आशीर्वाद पाकर धन्य महसूस कर रहा हूं।
समय सागर जी महाराज को बनाया उत्तराधिकारी
बता दें कि 6 फरवरी को दोपहर निर्यापक श्रमण मुनिश्री योग सागर जी से चर्चा करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली थी और उसी दिन आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने आचार्य पद के योग्य प्रथम मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि श्री समय सागर जी महाराज को योग्य समझा और तभी उन्हें आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।
CM साय ने कहा-युगों-युगों तक याद रखे जाएंगे आचार्य श्री
CM विष्णुदेव साय ने सोशल मीडिया में लिखा कि विश्व वंदनीय, राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज जी के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ में सल्लेखना पूर्वक समाधि का समाचार प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ सहित देश-दुनिया को अपने ओजस्वी ज्ञान से पल्लवित करने वाले आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को देश व समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके त्याग और तपस्या के लिए युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा।