MALDIVES.भारत के साथ पंगा लेना पड़ोसी देश मालदीव को महंगा पड़ रहा है। भारत विरोधी अभियान चलाने वाला मालदीव एक महीने पहले तक इंडियंस के लिए सैर-सपाटे का फेवरेट डेस्टिनेशन हुआ करता था। मालदीव टूरिज्म की ताजा रिपोर्ट के अनुसार तीन सप्ताह के डाटा में भारत टूरिज्म के मामले में पांचवें स्थान पर आ गया है। भारत के खिलाफ जहर उगलने के बाद बॉयकॉट मालदीव सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। इसी बीच पीएम मोदी ने लक्षदीप टूरिज्म को प्रमोट किया तो मालदीव के पड़ोस में स्थित इस आइलैंड पर टूरिस्ट की बाढ़ सी आ गई है।
बता दें, मालदीव के पर्यटन मंत्रालय द्वारा आधिकारिक रूप से जारी आंकड़ों से पता चला है कि वहां दौरा करने वाले भारतीय यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में सालाना 2 लाख से अधिक भारतीयों ने मालदीव का दौरा किया। जो कि कोविड-19 महामारी के बाद किसी भी देश से सबसे अधिक है। इस टूरिस्ट हॉटस्पॉट में कम भारतीय पहुंच रहे है।
भारत से ज्यादा रूस के पर्यटक
आंकड़ों के मुताबिक इस साल 28 जनवरी तक मालदीव में 1.74 लाख से ज्यादा पर्यटक आए। जिनमें से सिर्फ 13 हजार 989 भारतीय थे। मालदीव का दौरा करने वाले देश के 18561 पर्यटकों के साथ रूस चार्ट में शीर्ष पर है। इसके बाद इटली 18111, चीन 16529 और यूके 14588 है। जर्मनी छठवें स्थान पर है। उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, पोलैंड और स्विट्जरलैंड है।
2023 में 17 लाख से अधिक पर्यटकों ने द्वीप मालदीव का दौरा किया था। जिनमें से अधिकतम 209198 भारतीय वहां पहुंचे थे। इसके बाद रूस से 209146 और चीन से 187118 टूरिस्ट मालदीव पहुंचे। वहीं 2018 में भारतीय विजिटर की संख्या मालदीव में सबसे ज्यादा थी। लेकिन जब से मालदीव के नए प्रधानमंत्री ने पंगा लिया है तब से भारतीय पर्यटक भी वहां जाने में रूचि नहीं ले रहे है।