JAGDALPUR.दंतेवाड़ा और बीजापुर पुलिस के संयुक्त कार्रवाई में ताकिलोड में जब पुलिस ने रेड की तो माओवादी मौके पर गोलीबारी कर भाग खड़े हुए। पुलिस ने यहां नक्सली स्मारकों को ध्वस्त किया और आसपास के सर्चिंग के दौरान बड़ी सुरंग बरामद की। यह सुरंग माओवादियों को एक सेफ कॉरिडोर एक जगह से दूसरी जगह निकलने के लिए देती थी।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में अबूझमाड़ वह इलाका है। जहां आज भी नक्सलियों की समानांतर सरकार चलती है। देशभर के सक्रिय और बड़े माओवादी लीडरों की पनाहगाह भी माना जाता है और यहीं से पूरे देश में नक्सलियों का केंद्रीय नेतृत्व नक्सली संगठन को चलाता है। आज भी बुनियादी संसाधन और पहुंच विहीन क्षेत्र होने की वजह से यहां पुलिस का पहुंचना काफी मुश्किल माना जाता है। पर अबूझमाड़ के सरहदी इलाकों में इंद्रावती नदी पर पुल बन जाने के बाद पुलिस ने अंदरूनी इलाकों में ऑपरेशन शुरू किए हैं।
इसी क्रम में जब पुलिस इन इलाकों में सर्चिंग कर रही थी तब सुरक्षाबलों को सर्चिंग के दौरान बड़ी सुरंग मिली है। जिस वक्त सर्चिंग और गांव में पुलिस फोर्स पहुंचती उस वक्त के लिए इसे माओवादी कैडर के छुपने के काम लिए बनाया गया था। फिलहाल यह सुरंग 100 मीटर के करीब है। बस्तर में यह पहली बार है जब दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की पूर्ण विकसित सुरंग बरामद की गई है। मिट्टी के गड्ढे खोदकर और स्लैप बनाकर यह सुरंग बनाई गई है।