RAIPUR. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई। इसमें छत्तीसगढ़ के तीन हस्तियों को पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। जशपुर के रहने वाले जागेश्वर यादव, नारायणपुर निवासी हेमचंद मांझी और रायगढ़ जिले के रामलाल बरेठ को सम्मान मिलेगा। जागेश्वर यादव, हेमचंद माझी और रामलाल बरेठ की इस उपलब्धि पर सीएम विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स पर लिखा- ‘भारत सरकार द्वारा बिरहोर आदिवासियों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले जागेश्वर यादव को पद्मश्री सम्मान मिलेगा। जागेश्वर बिरहोर के भाई के नाम से प्रसिद्ध हैं।’
वहीं साय ने ट्वीट कर लिखा- ‘पद्मश्री सम्मान प्राप्त करने वालों में छत्तीसगढ़ से एक और विभूति का नाम शामिल है। पंडित रामलाल बरेठ को कला के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान मिलेगा। रायगढ़ जिले के रामलाल बरेठ कथक के मूर्धन्य नर्तक हैं। पूर्व में इन्हें अकादमी पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।’
बिरहोर जनजाति के लिए जीवन समर्पित
जागेश्वर यादव जशपुर के आदिवासी कार्यकर्ता हैं। वह आदिवासी समाज कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बिरहोर जनजाति और पहाड़ी कोरवा के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने जशपुर में एक आश्रम की स्थापना की है। आश्रम में आदिवासियों की निरक्षरता को खत्म करने और स्वास्थ्य सेवा को उन्नत करने शिविर लगाया जाता है। आर्थिक तंगी के बावजूद उनके काम में कोई बाधा नहीं पहुंची। वे लगातार सक्रिय हैं।
15 साल की उम्र से सेवा कर रहे हेमचंद
नारायणपुर के रहने वाले हेमचंद मांझी एक पारंपरिक औषधीय व्यवसायी हैं। वे 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा के लिए नारायणपुर में मामूली चार्ज पर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सहयोग देते हैं। 5 दशक से अधिक समय से वो ग्रामीणों की सेवा कर रहे हैं। बस्तर संभाग में वे जड़ी-बूटियों के अपने विशेष ज्ञान के लिए पहचाने जाते हैं। अबूझमाड़ के सुदूर जंगल में मरीजों के इलाज में बहुत कम पैसे लेकर इलाज करते हैं। बीहड़ जंगल में उनकी अच्छी ख्याति है।