INDIA VISHWA MITRA.भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वैश्विक एकजुटता और सहयोग के लिए विश्वमित्र के रूप में भारत की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया है और बदलती विश्व व्यवस्था में भारत की वैश्विक पहुंच और व्यापक योगदान के विषय में दुनिया से कहा है। उन्होंने कहा कि दुनिया असमानता के नए रूपों का सामना कर रही है और एक संशोधित संयुक्त राष्ट्र के साथ एक बहुध्रुवीय दुनिया की अत्यधिक आवश्यकता है।
बता दें, युगांडा में गुटनिरपेक्ष आंदोल शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है। जहां पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संबोधित किया। उन्होंने शिखर सम्मेलन में बोलते हुए भारत को दुनिया का विश्वमित्र बताया है। उन्होंने कहा कि भारत 78 देशों में 600 महत्वपूर्ण परियोजनाओं का पूरी प्रतिबद्धता के साथ संचालन करता है और उनमें से हर एक प्रोजेक्ट हमारे भागीदारों पसंद और उनके सम्मान पर आधारित है।
जहां तक अफ्रीका का सवाल है 300 परियोजनाएं और 450000 प्रशिक्षण स्लॉट हमारी एकजुटता की अभिव्यक्ति को बयां करती है। यह दुनिया के लिए हमारी एक मित्र के तौर र या विश्व मित्र के रूप में भारत की भूमिका पर जोर देता है। जो आपसी प्रगति के लिए अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों को साझा करने के लिए तैयार है।
वैश्विक व्यवस्था बदलने पर की बात
उन्होंने भारत की वैश्विक व्यवस्था बदलने की दिशा में कहा कि जी20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने का जिक्र किया। जिससे बहुपक्षवाद का विस्तार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोविड का हमला हुआ तो हमने दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को टीका उपलब्ध करवाई।
प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति मे ंहम अक्सर विकासशील दुनिया के लिए सबसे पहले मदद के लिए पहंचते है। जी20 की अध्यक्षता करते हुए हमने ग्लोबल साउथ से ताकत हासिल करने और बुलाने का फैसला किया। विश्व मित्र के रूप में भारत हमेशा मदद साझा करने के लिए मौजूद रहेगा।