RAIPUR. छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने बस्तर में किसान के आत्महत्या का मामला उठाया । उन्होंने इस मामले में स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा कराए जाने की मांग की । नियम परंपरा का हवाला देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इससे इंकार कर दिया। जिसके बाद इसके विरोध में कांग्रेस के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।

कांग्रेस के विधायक लखेश्वर बघेल ने स्थगन प्रस्ताव लाकर किसान की आत्महत्या पर चर्चा कराए जाने की मांग की । भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते शपथ ग्रहण वाले विशेष सत्र में शून्यकाल और स्थगन की व्यवस्था नहीं होने की जानकारी दी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विशेष परिस्थिति है तो इस पर चर्चा होनी चाहिए । इस पर भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये सदन नियम और परंपराओं से चलता है। इस प्रस्ताव को अस्वीकार करने की मांग की ।
इस पर नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि अगर बस्तर के आदिवासी क्षेत्र का कोई किसान आत्महत्या कर लेता है तो इस पर चर्चा होनी चाहिए। फिर चाहे किसी भी रूप में हो । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नियमतः यह स्थगन लाया जा सकता है। इसलिए इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए । भाजपा विधायक अजय चंद्राकर इस मामले में बोलने के लिए उठे तो भूपेश बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि अभी आप संसदीय कार्यमंत्री नहीं बने है शांत बैठें । अजय चंद्राकर ने कहा नहीं बनना चहता हूं तो फिर भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री भी नहीं बनना चाहते हैं क्या इस पर सदन में ठहाके लगे ।

कांग्रेस विधायक इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग अड़े रहे । इस पर विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने कहा कि शपथ ग्रहण वाले सत्र में ध्यानाकर्षण, स्थगन प्रस्ताव नहीं रखा जाता है। इसलिए इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है । इसके पहले दो दिवंगत पूर्व विधायकों लीलाराम भोजवानी और रामलाल भारद्वाज को विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने श्रद्धांजलि दी ।


































