BEMETARA. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में प्रदेश के सबसे गरीब भाजपा प्रत्याशी रहे ईश्वर साहू ने रविंद्र चौबे को हराकर प्रदेश में काफी सुर्खियां बटोरी है। उनके जीत के पीछे बिरनपुर की घटना का अहम रोल था जिसमें उन्होंने अपने बेटे को खो दिया था। जीत के बाद उनकी पत्नी ने कहा है कि उन्हें चुनाव में जीत की खुशी है लेकिन बेटे को होने का गम मौत के साथ ही खत्म होगा।
प्रदेश के सबसे हाई प्रोफ़ाइल हो चुके बेमेतरा की साजा सीट की तो यहाँ से भी भूपेश बघेल के मंत्री रविंद्र चौबे की करारी हार हुई है। भाजपा के ईश्वर साहू ने उन्हें 5 हजार से ज्यादा वोटों से मात दी है। भाजपा के ईश्वर साहू ने यहाँ से 1 लाख 1789 हासिल किए हैं।
परिणाम घोषित होने के बाद साजा के नए विधायक ईश्वर साहू के घर मीडिया कर्मी पहुंचे और उनकी पत्नी से बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान भाजपा की जीत पर ख़ुशी जाहिर की। कहा यह जीत जनता की है। उन्होंने ही चुनाव लड़ा और उन्होंने यह जीत दिलाई है। यह जीत भी वह साजा की जनता को, बिरनपुर के मतदाताओं को समर्पित करती है।
ईश्वर साहू की पत्नी ने यह भी कहा की जीत की ख़ुशी अपनी जगह है लेकिन बेटे को खोने का गम उन्हें जीवन भर रहेगा। एक माँ के तौर पर यह दुःख उनकी मृत्यु के बाद ही ख़त्म होगा। यह कहते ही उनकी पत्नी की आंखों में आंसू आ गए।