RAIPUR. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस 71 सीट से 35 सीट पर सिमट गई है। इसके बाद हार की समीक्षा हो रही है, तो वहीं हारे हुए विधायक एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। इसी क्रम में कोरबा के पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने प्रदेश के मुखिया के साथ अफसरों को हार के लिए जिम्मेदार बताया है। अग्रवाल ने कहा कि पार्टी में आपसी खींचतान से भी नुकसान हुआ। मंत्रियों को पावर ही नहीं दिया गया। पावर को सेंट्रलाइज्ड कर दिया गया था।
अग्रवाल ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल के के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था, उन्हीं की गलत नीतियां हार की असली वजह है। विकास कार्य को रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इसके साथ ही तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू जो अब भ्रष्टाचार के मामले में जेल में है, ने भुगतान रोक दिया। एसपी अभिषेक मीणा ने पहले कोरबा और उसके रायगढ़ में क्या हाल किया, देख लीजिए। एसपी भोजराम पटेल के समय एक सिपाही पूरा जिले को चला रहा था। आगे उन्होंने कहा कि एसपी उदयकिरण के समय कोयला, कबाड़ का धंधा फला-फूला।
यहां गैर प्रांतीय लोगों को लाकर माहौल बिगाड़ा गया। इसी वजह से एंटी इनकमबेंसी भी हुई। 2018 में जनता ने जो जनादेश दिया, हम उसका सम्मान नहीं कर पाए। सरकार चलाने का जो तरीका था, वह एक ही स्थान पर केन्द्रित हो गया। मंत्रियों को जो अधिकार मिलना था, वह नहीं मिल पाया। हमारे मुखिया को यह विश्वास रहा कि शहरी सीटों की हमें जरूरत नहीं है, हम ग्रामीण सीटें जीतकर सरकार बना लेंगे। यह भी गलत साबित हुआ और सभी सीटें भाजपा ले गई।
पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने सैलजा को हटाने की मांग की
इससे पहले पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने तो राहुल गांधी से कुमारी सैलजा को हटाने तक की मांग कर डाली। उन्होंने कहा कि टीएस सिंहदेव को सैलजा हीरो की तरह प्रमोट करती रहीं। सैलजा ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कभी ये तक जानने का प्रयास नहीं किया कि क्या चल रहा है। इसलिए कांग्रेस की ऐसी दशा हुई है।