BALOD. गोडमर्रा निवासी गरीब महिला को उज्जवला गैस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। कई बार पंचायत व गैस एजेंसी का चक्कर लगाने के बाद भी इन्हें गैस नहीं मिला है। चूल्हे में ही रसोई बनाने मजबूर है। गैस एजेंसी में जाने पर आपके नाम पर गैस एलाट होने की बात कह दी जाती है। परेशान पीड़िता का मन अब शासन की योजना से ही ऊब गया है।
डोंडीलोहारा ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत झिटिया के आश्रित ग्राम गोडमर्रा निवासी पुर्णिमा देशमुख पति जामवंत देशमुख को आज तक प्रधानमंत्री उज्जवला गैस सिलेंडर नही मिल पाया है। पीड़िता गरीब परिवार से है। कई बार पंचायत व गैस एजेंसी आफिस का चक्कर लगा चुकी है, लेकिन गैस का सपना साकार नही हो सका है। आखिर में चूल्हा ही साथ दे रहा है। परेशान पूर्णिमा बाई अब हताश होकर गैस फार्म नही भरने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि फार्म भरने तथा आने जाने मे भी काफी खर्च हो जाता है। गरीबी के कारण खर्च करने पैसे की कमी हो जाती है।
भाजपा सरकार बनने के बाद जगी उम्मीद
पीड़िता पूर्णिमा बाई का कहना है कि वह काफी दिनों से गैस सिलेंडर के लिए चक्कर लगा रही है लेकिन योजना का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है तो उम्मीद जगी है। क्योंकि योजना केंद्र सरकार की है इसलिए उम्मीद है कि अब गैस सिलेंडर मिल जाएगी।
प्रधानमंत्री के सपने को लगा रहे पलीता
गोडमर्रा निवासी पूर्णिमा को गैस सिलेंडर नहीं मिलने से यह साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पलीता लगाया जा रहा है। प्रधानमंत्री का सपना है कि हर गरीब को चूल्हे की धुएं से मुक्ति मिले। इसलिए उन्हें गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। लेकिन पूर्णिमा को अब तक गैस सिलेंडर नहीं मिला है।
पुर्णिमा देशमुख पति जामवंत देशमुख ग्राम गोडमर्रा ने बताया कि
गैस एजेंसी आफिस व पंचायत में जाने पर रिकार्ड में गैस सिलेंडर घर में दर्शाता है लेकीन मेरे घर में किसी के नाम पर गैस नहीं है।
मोहित कुमार मालेकर
सचिव ग्राम पंचायत झिटिया का कहना है कि पुनः सर्वे कराकर सूची में नाम आने पर शेष बचे हुए हितग्राहियों को गैस सिलेंडर दिया जाएगा।