DURG.छत्तीसगढ़ शिक्षक कांग्रेस जिला दुर्ग ने दिवाली मिलन समारोह का आयोजन शासकीय विद्यालय तकिया पारा दुर्ग में किया। जिसमें शिक्षकों ने दिवाली मिलन की परंपरा को आपसी मेल-जोल व आपसी एकता के लिए महत्वपूर्ण बताया। इस दिवाली मिलन में सभी शिक्षकों ने अपने विचार रखे व शिक्षा के निजीकरण पर विरोध जताया।
कार्यक्रम में प्रांताध्यक्ष शिक्षक व प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ अनिल शुक्ला रहे। उन्होंने सभी साथियों को दिवाली की बधाई दी। साथ ही कहा कि शिक्षक कांग्रेस एक यूनियन नहीं एक परिवार है। जिसके चलते जिला दुर्ग में दिवाली मिलन, होली मिलन एवं व नव वर्ष मिलन समारोह आयोजित करने की परंपरा चली आ रही है।
उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में विगत पांच वर्षों से एनजीओ के माध्यम से पूरी व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है। पूर्व माध्यमिक शाला में विषय शिक्षक के सेटअप को मनमाने तरीके से बदलकर पूरी शिक्षा की गुणवत्ता को खत्म कर दिया गया। कक्षा पहली से आठवीं बोर्ड प्रणाली जैसा की देश के 27 राज्यों ने लागू किया है। छत्तीसगढ़ में भी लागू होना चाहिए। पदोन्नत शिक्षक की पद स्थापना में संशोधन में शासन स्कूल शिक्षा विभाग का रवैया तानाशाही पूर्ण है।
शुरू में मात्र 52 स्कूलों को आत्मानंद में बदला गया जो कि बाद में 727 हो गए। अब पूरे प्रदेश की सभी शालाओं को आत्मानंद में बदलने की घोषणा स्कूल शिक्षा का निजी करने का पूरा प्रयास है। नई सरकार के गठन होने पर समस्त शिक्षक संगठनों को साथ लेकर इस प्रक्रिया का विरोध किया जाएगा। कार्यक्रम में उपप्रांताध्यक्ष पेंशनधारी कल्याण संघ एस जायसवाल, शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील यादव, अतुल कामले, केके आडिल, अनिल गुप्ता, टीएस सिन्हा, मंजू गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। वहीं कार्यक्रम जगदीश ठाकुर, प्रकाश चंद्राकर, विनोद ठाकुर, वीरेंद्र कुमार गात्रे, सेवक राम गजपाल, हेमंत वारदानिक, रोशन जगत, देव बंजारे, वेदलाल लिलाहरे, सतीश जोशी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।