LALITPUR. भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) का पायलट लॉन्च कर दिया है। इसे वह डिजिटल रूप में कानूनी मान्यता प्रदान करता है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) डिजिटल मुद्रा है जिसे देश के केंद्रीय बैंक अर्थात रिजर्व बैंक द्वारा जारी और पर्यवेक्षण किया जाता है।
डिजिटल रुपया मौजूदा मुद्राओं के बराबर एक्सचेंज योग्य होगा और भुगतान के लिए कागज़ के नोटों की तरह ही स्वीकार्य माना जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार वर्ष 2022 तक, केवल कुछ ही देशों के पास सीबीडीसी है या उन्हें जारी करने की ठोस योजना है।
इसे ईरुपया या डिजिटल रुपया भी कहा जाता है, RBI द्वारा डिजिटल रुपए जारी करने का उद्देश्य पैसे का उपयोग करने के लिए एक अतिरिक्त विकल्प बनाना है और यह वर्तमान में जारी बैंक नोटों से अलग नहीं है; केवल रुपये का डिजिटल रूप से लेन-देन होने और उपयोग में आसानी की सुविधा होने के लिए बनाया गया है।
डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा उस क्रिप्टोकरेंसी का स्वीकृत संस्करण एवं विकल्प है, जिसे देश की वित्तीय प्रणाली की स्थिरता के लिए एक गंभीर चुनौती बताया जाता है।
डिजिटल रुपया क्या है?
वह मुद्रा जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है। मुद्राओं के इलेक्ट्रॉनिक प्रकार पहले से ही बड़ी संख्या में अनेक देशों की वित्तीय प्रणालियों में हैं। डिजिटल मुद्रा का आदान-प्रदान विशेष रूप से वर्चुअल माध्यमों से ही किया जाता है।
क्या हमें डिजिटल रुपये की आवश्यकता है?
RBI द्वारा डिजिटल रुपया लॉन्च करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण भारत को वर्चुअल करेंसी की दौड़ में आगे बढ़ाना है। क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते महत्व और खतरे के कारण इसको जल्दी करना और भी जरूरी है। ब्लॉकचेन तकनीक से डिजिटल रुपया अपनी क्षमता और पारदर्शिता बढ़ाएगा। ब्लॉकचेन रियल टाइम नज़र रखेगा और खाता-बही का रखरखाव को भी मजबूत करेगा। भुगतान प्रणाली थोक और खुदरा ग्राहकों के लिए 24/7 उपलब्ध होगी। भारतीय खरीदार बिना किसी बिचौलिए के भुगतान कर सकते हैं।
कम लेन-देन लागत, रियल टाइम निपटान।
डिजिटल रुपये से लेनदेन करने से पूरी दुनिया में आपका रेमिटेंस तत्काल और बिना किसी चार्ज के हो जाएगा। करेंसी जोखिम नहीं होगा, क्योंकि आरबीआई इसकी गारंटी देगा। करेंसी नोटों की मात्र कुछ वर्ष उम्र की तुलना में डिजिटल रुपया हमेशा के लिए बना रहेगा।
UPI जैसी विशाल भुगतान प्रणाली के साथ, क्या CBDC इस खेल को आगे बढ़ा सकता है?
आरबीआई के एक सर्वेक्षण के अनुसार, नियमित खर्चों के लिए धन प्राप्त करने के लिए नकद भुगतान अभी भी पसंदीदा तरीका बना हुआ है। नकदी का उपयोग मुख्य रूप से छोटे मूल्य के लेनदेन (500 रुपये तक की राशि) के लिए किया जाता है।
डिजिटल रुपया और क्रिप्टोकरेंसी में क्या अंतर है?
डिजिटल रुपया मुद्रा का वह रूप है जो सिर्फ डिजिटल रूप में मौजूद है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी भी एक डिजिटल मुद्रा है लेकिन अलग अलग नेटवर्क में बिखरी डिजिटल मुद्रा के रूप में है। इसके बैलेंस और बहीखातों को प्रबंधित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी और किसी केंद्रीय एजेंसी की आवश्यकता नहीं है।
उपयोगकर्ता केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा में कैसे निवेश कर सकते हैं? केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा में निवेश करने का एकमात्र तरीका मुद्रा को अपने खाते में रखना है। सरल शब्दों में हार्ड कैश को अपने हाथ में रखना। उपयोगकर्ताओं के पास एक ऐसे बैंक का खाता होना चाहिए जिसे आरबीआई ने डिजिटल रुपया बेचा हो। इसका मतलब है कि वर्तमान में दूसरे देशों के नागरिक किसी विदेशी देश की सीबीडीसी को वितरित नहीं कर सकते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि विश्व स्तर पर अधिक सीबीडीसी लागू होने के बाद यह परिदृश्य बदल जाएगा और विदेशी नागरिक भी हमारी भारतीय डिजिटल मुद्रा में डील कर सकेंगे।
डिजिटल मुद्रा का प्रमुख नुकसान क्या है जो मुझे प्रभावित कर सकता है?
डिजिटल मुद्रा प्रणालियाँ हैक के लिए खुली हैं। इस बात की संभावना हमेशा बनी रहती है कि हैकर्स महत्वपूर्ण वित्तीय ढांचे को नष्ट कर सकते हैं और किसी देश की आर्थिक नींव को तोड़ सकते हैं। सीबीडीसी की तरह केंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा प्रणाली, उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता से समझौता करने वाली जानकारी का पता लगाने और ट्रैकिंग की अनुमति दे सकती है। इससे यूजर्स पर असर पड़ सकता है।
मैने स्वयं आज ही ₹111 का डिजिटल रुपया खरीदकर इसका उपयोग शुरू कर दिया है। शुरुआत में थोड़ा कम समझ आएगा लेकिन जितनी जल्दी आप भी इसका उपयोग शुरू कर देंगे, उतनी ही जल्दी इसके फायदों को आसानी से समझ सकेंगे। जितना मैं समझ सका उतना आपको बताने का ये प्रयास है। यदि कोई प्रश्न पूछना चाहें तो अवश्य पूछिए। आपकी शंका का समाधान करने का प्रयास करूंगा। इससे आपकी और मेरी, दोनों की जानकारी बढ़ेगी।
लेखक : अतुल मालवीय