JAGDALPUR. देशभर में प्रसिद्ध ऐतिसाहसिक बस्तर दशहरा का समापन हो गया है। बस्तर दशहरा की अष्टमी तिथि पर मावली परघाव विधान में शामिल होने दंतेवाड़ा से जगदलपुर माता मावली की डोली पहुंची। इसके बाद दंतेश्वरी माता के छत्र की विदाई हो गई। इसी के साथ देशभर में मशहूर बस्तर दशहरा 107 दिन में समाप्त हो गया। दरअसल, हर बार यह उत्सव करीब 75 दिन तक चलता है, लेकिन इस साल अधिमास के कारण 107 दिन तक चला।
जानकारी के अनुसार दंतेश्वरी मंदिर में पहुंची माता मावली की डोली और माई के छत्र की पूजा की गई। दंतेश्वरी मंदिर के गर्भगृह से बाहर निकालकर डोली और छत्इर को सिंहद्वार में बने विशाल मंच पर खा गया। आरती व पूजा विधान के साथ श्रद्धालुओं ने भी पुष्पांजलि अर्पित कर विदाई दी। इस दौरान मावली माता की डोली और दंतेश्वरी देवी के छत्र पर दंतेश्वरी मंदिर से लेकर जिया डेरा तक गुलाब के फूलों की बारिश की गई। गौरतलब है कि हर साल राजपरिवार के सदस्यों के आमंत्रण पर माता मावली की डोली व मां दंतेश्वरी का छत्र जगदलपुर आते हैं। अष्टमी के दिन माता मावली की डोली और दंतेश्वरी के छत्र की विदाई के साथ उत्सव का समापन हो जाता है।
हर साल मनाया जाता है यह उत्सव, हजारों की संख्या में आते हैं भक्त
गौरतलब है कि हर साल बस्तर दशहरा में राजपरिवार के सदस्यों के आमंत्रण पर माता मावली की डोली व मां दंतेश्वरी का छत्र जगदलपुर आती है। अष्टमी के दिन मावली परघाव में माता मावली के डोली का भव्य स्वागत किया जाता है। वहीं सभी देवी-देवताओं की विदाई के बाद अंत में माता मावली की डोली और दंतेश्वरी के छत्र की विदाई होती है। विदाई में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने ससम्मान विदा करने पहुंचे थे। इस दौरान पूर्व बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव, कलेक्टर विजय दयाराम के, अपर कलेक्टर एसपी बघेल, जिपं सीईओ प्रकाश सर्वे और टेंपल कमेटी के उपाध्यक्ष विजय भारत के साथ ही अन्य लोग मौजूद थे।