RAIPUR. पीएससी पर मची सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने पीएससी भर्ती में भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी और मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। अब इस मामले में सीएम भूपेश बघेल भी सख्त हो गए हैं। रमन सिंह के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा है कि रमन सिंह केवल आरोप न लगाएं, किसी मंत्री के रिश्तेदार को नौकरी नहीं दी गई है। वे शिकायत दर्ज कराएं, जांच कराई जाएगी।
मीडिया से चर्चा करते हुए सीएम भूपेश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग लगातार पीएससी की बात कर रहे हैं। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार में बैठे लोग और अधिकारियों के रिश्तेदारों की नौकरी लगाई गई है। मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि किसी भी मंत्री और विधायक के रिश्तेदार नहीं हैं। राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। अधिकारियों की बात है तो उसका जवाब वे कोर्ट में दे रहे हैं।
बातचीत के दौरान सीएम भूपेश ने कहा कि बीजेपी के शासन काल में पीएससी की परीक्षा विवादित रही है। हाई कोर्ट में उसके खिलाफ फैसले आए, लेकिन उसमें रमन सिंह ने कार्रवाई नहीं की, बल्कि सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की। इसका मतलब साफ है कि गड़बड़ी थी, गड़बड़ी थी तो उस आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। रमन सिंह आज किस आधार पर बयान दे रहे हैं। उनके कार्यकाल में कौन से पीएससी के ऐसे एग्जाम थे जो विवादित नहीं थे, ये बताएं।
बिरनपुर मामले में कहा-कोर्ट के फैसले का स्वागत है
चर्चा के दौरान बीजेपी की वायरल सूची को लेकर सीएम ने कहा है कि भाजपा की सूची को जानबूझ कर लीक कराया गया है, नहीं तो मीडिया हाउस में ईडी आ जाती। उन्होंने कहा कि बिरनपुर मामले में कोर्ट के फैसले का स्वागत है, जो आरोप लगे उसी आधार पर जांच हुई है। साक्ष्य नहीं मिला जिस पर कोर्ट का फैसला आया है।