RAIPUR. छत्तीसगढ़ को भिगाकर मानसून पूरी तरह विदा हो गया है। प्रदेश में इस बार मानसून की बारिश औसत से 82 किमी यानी करीब 7 फीसदी कम रही है। छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से से मानसून की विदाई 8 अक्टूबर से शुरू हुई और शुक्रवार को मौसम विभाग ने बस्तर से भी विदाई की अधिकृत घोषणा की। इस बार 6 जिलों में औसत से कम बारिश हुई है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार सूखे की स्थिति नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार छत्तीसगढ़ में 30 सितंबर तक मानसूनी बारिश का औसत कोटा 1142.1 मिमी है। इस साल 1061.3 मिमी पानी बरसा है। रायपुर, सुकमा, मुंगेली, बीजापुर और बलौदाबाजार जिले में मानसून के दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई है। वहीं अभी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के ज्यादातर जिलों में दोपहर थोड़ी गर्म है और तापमान 35 डिग्री के करीब चल रहा है। रात का तापमान भी ज्यादातर जिलों में 20 डिग्री से ज्यादा है। इस वजह से रात में अभी ठंड का अहसास नहीं हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के 16 जिलों में औसत के अनुसार पानी बरसा, लेकिन 6 ऐसे जिले हैं, जिनमें बारिश औसत से कम है। सरगुजा जिले में सर्वाधिक कमी दर्ज की गई, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार कम वर्षा वाले जिलों में भी बारिश का वितरण ऐसा था कि कहीं भी सूखे जैसे हालात नहीं हैं। कमी वाले इन जिलों में भी कुछ-कुछ पाॅकेट में ज्यादा पानी बरस गया है।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून की विदाई के साथ ही प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम हवा का असर खत्म हो गया है। अब उत्तर-पूर्व से हवा आएगी। इनकी वजह से रात का तापमान गिरने लगेगा। सबसे पहले इनका असर उत्तरी छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा और बिलासपुर संभागों पर पड़ेगा।
यहां कोटे से कम बारिश
– कोरबा – 20 फीसदी कम
– दंतेवाडा – 22 फीसदी कम
– कोरिया – 22 फीसदी कम
– सूरजपुर – 31 फीसदी कम
– जशपुर – 38 फीसदी कम
– सरगुजा – 55 फीसदी