BILASPUR. सीतापुर भाजपा प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो के जाति प्रमाण पत्र मामले में हाईकोर्ट ने कलेक्टर रायगढ़ को जांच का आदेश दिया है । हाईकोर्ट ने इस मामले में जिला छानबीन समिति से जाति प्रमाण पत्र की जाँच कराने का निर्देश दिया है । हाईकोर्ट के इस अहम आदेश के बाद सीतापुर विधानसभा सीट को लेकर मुख्य विपक्षी दल भाजपा की मुश्किलें अब बढ़ गई है । इस मामले में उरांव समाज के बिहारी लाल तिर्की व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी ।
छत्तीसगढ़ की सीतापुर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो का जाति प्रमाण पत्र विवादों में आ गया है। भाजपा कार्यकर्ता ने ही हाईकोर्ट में याचिका दायर कर उसे संदिग्ध बताया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिलमन रती मिंज ने बताया है कि हाईकोर्ट ने रायगढ़ कलेक्टर को जांच के आदेश दिए हैं। सीतापुर सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है। भाजपा कार्यकर्ता और जनजातीय सुरक्षा मंच के जिला संयोजक बिहारी लाल तिर्की व सहदेव राम ने याचिका लगाई है। जिसमें आरोप है कि ग्राम सभा से पास प्रस्ताव और बने हुए प्रमाण पत्र में अंतर है।
याचिका में कहा गया है कि रामकुमार टोप्पो का जाति प्रमाणपत्र 2022 में पहली बार रायगढ़ जिले के लैलूंगा से जारी किया गया है। रामकुमार टोप्पो के पिता गणेश राम झारखंड से माइग्रेटेड थे। जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 5 दिसंबर 2022 को जामबहार ग्राम सभा से प्रस्ताव पास किया गया। उसमें रामकुमार टोप्पो के पिता गणेश राम उरांव जाति के थे, इसका उल्लेख नहीं है। यह नियम 2 व 3(3)(ई)(प) के तहत ऐसी अनिवार्य आवश्यकता को पूरा न करने के समान है।
भाजपा प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो के जाति प्रमाणपत्र को लेकर 4 अक्टूबर 2023 को अभिमन्यु सिंह पैकरा और 13 अक्टूबर 2023 को सहदेव राम ने रायगढ़ कलेक्टर से शिकायत कर जाति प्रमाणपत्र की जांच करने की मांग की थी। दोनों आवेदनों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दायर याचिका में छत्तीसगढ़ शासन के सचिव, कलेक्टर रायगढ़, एसडीएम लैलूंगा, तहसीलदार लैलूंगा, रायगढ़ और जाति प्रमाण पत्र उच्च स्तरीय छानबीन समिति, सदस्य सचिव सह आयुक्त, संचालनालय, आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग, जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति, सदस्य सचिव, सहायक आयुक्त, रायगढ़ व स्वयं भाजपा सीतापुर प्रत्याशी रामकुमार टोप्पो को प्रतिवादी बनाया गया है।