JAGDALPUR. 107 दिनों तक चलने वाला ऐतिहासिक बस्तर दशहरा धूमधाम से मनाया जा रहा है। बस्तर दशहरा के इस उत्सव में आज मावली माता की डोली और दंतेश्वरी देवी का छत्र की विदाई होगी। माता की विदाई के पहले दंतेश्वरी मंदिर में पूरे विधि-विधान से पूजा-पाठ किया जाएगा, जिसमें पूर्व बस्तर राजपरिवार के सदस्य शामिल होंगे। इसके अलावा भारी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहेंगे।
दंतेश्वरी मंदिर में पूजा पाठ के बाद हर्ष फायर करते हुए माता को सलामी देकर डोली को दंतेवाड़ा के लिए रवाना किया जाएगा। इस दौरान कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल होंगे। वहीं गाजे बाजे और आतिशबाजी के बीच माताजी डोली दंतेश्वरी मंदिर से जिया डेरा पहुंचेगी। इसके बाद इसे सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार दंतेवाड़ा के लिए रवाना किया जाएगा।
गौरतलब है कि बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए मावली परघाव रस्म के दिन मावली माता की डोली और दंतेश्वरी माई का छत्र यहां पर आया था। इसके बाद दशहरे की प्रमुख रस्मे पूरी की जाएगी। ऐसी परंपरा है कि कुटुंब जात्रा के बाद पड़ने वाले मंगलवार या शनिवार को ही माता की विदाई की जाती है। माता को विदाई देने के साथ-साथ उपहार स्वरूप कई सामान भी भेंट किए जाएंगे। बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों ने जिया डेरा से माता की डोली 12 बजे दंतेवाड़ा के लिए रवाना होगी। इस साल 107 दिनों तक अलग-अलग रस्मों और विधानों के बाद अब बस्तर दशहरा समाप्त हो जाएगा।
मावली माता की डोली के स्वागत की तैयारी जोरों पर
बस्तर दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए आए अलग-अलग परगना के लोग भी वापस अपने गांव पहुंचेंगे। वहीं, दूसरी ओर दंतेवाड़ा में भी बस्तर दशहरा पर्व में जगदलपुर से लौट रही माई दंतेश्वरी व मावली माता की डोली के स्वागत की तैयारियां दिन भर जोर-शोर से चलती रही।