RAIPUR. छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई भी चल रही है। इस बीच, मार्कफेड के पूर्व एमडी आईएएस मनोज सोनी और राइस मिलर्स पर की गई छापेमारी में तलाशी के दौरान 1.06 करोड़ कैश, दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक सबूत और बेहिसाब लेन-देन के प्रमाण मिले हैं। इन सब को ED ने जब्त कर लिया है। इस जब्ती की ईडी ने बयान जारी किया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया में भी जानकारी दी है।
अपने जारी बयान में ED ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग में कथित तौर पर लेवी का घोटाला किया गया है। मिलर्स को फायदा पहुंचाने के लिए कस्टम मिलिंग का रेट 40 रुपए से बढ़ाकर सीधा 120 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया और इसके तुरंत बाद मिलर्स को 500 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया गया। ईडी ने इसके बदले में 175 करोड़ रुपए रिश्वत वसूलने का आरोप लगाया है।
बयान में यह भी कहा गया कि कुछ माह पूर्व आयकर विभाग ने मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी, उनके दफ्तर, राइस मिलर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर समेत कई िमलरो के यहां जांच की। इसमें राइस मिलिंग में बड़ा घोटाला पाया गया। उन्होंने रायपुर सीजेएम कोर्ट में आईटी अधिनियम 1961 और आईपीसी 1860 धारा के तहत चार्जशीट पेश की गई।
ईडी के अनुसार पेश की गई चार्जशीट में आरोप लगाया गया कि मार्कफेड के अफसर और राइस मिल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है।
पहले धान की कस्टम मिलिंग में 40 रुपए प्रति क्विंटल भुगतान होता था। इसे बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल करते हुए मिलर्स को दो किश्तों में भुगतान किया गया। ईडी ने बयान में कहा कि जिन मिलर्स की ओर से कथित रिश्वत दी गई, उन्हें पेमेंट मिला और बाकी का रोक दिया गया। इसी की सूचना के बाद ईडी ने छापेमारी की है और जांच जारी है।