RAIPUR. विधानसभा चुनाव से पहले सख्ती बढ़ती ही जा रही है। इसके साथ ही अब रायपुर समेत राज्यभर में लाउड स्पीकर का शोर कम करने पर भी कार्रवाई शुरू होने वाली है। इस शोर को कम करने के लिए एक गाइडलाइन जारी की गई है।
इसके मुताबिक चुनावी आचार संहिता लागू होने की वजह से अब लाउड स्पीकर या माइक का उपयोग करने से पहले सक्षम अधिकारी से लिखित अनुमति लेनी होगी। रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच किसी को भी ध्वनि विस्तारक यंत्र जैसे ड्रम, टॉम-टॉम या ट्रमपैट पीटने व ध्वनि उत्पन्न करने वाले किसी भी यंत्र के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।
लाउड स्पीकर का उपयोग सार्वजनिक स्थलों पर किया जा रहा है तो उसकी सीमा उस क्षेत्र के ध्वनि पैमाने से 10 डीबी (ए) या 75 डीबी (ए) से अधिक नहीं होना चाहिए। वहीं, अफसर कार्रवाई नहीं करेंगे तो उनके ऊपर भी गाज गिरेगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रदेश के परिवहन आयुक्त, संभाग आयुक्त, आईजी, कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि नियम तोड़ने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए। हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण कम करने गाइडलाइन जारी की गई है।
इसके अनुसार स्कूल, कॉलेज, अदालत, धार्मिक संस्थाएं और अस्पताल जैसे संस्थानों के 100 मीटर के दायरे को साइलेंस जोन माना गया है। इस क्षेत्र में किसी भी तरह के ध्वनि प्रदूषण को सख्ती से रोका जाएगा। सड़कों पर भी तेज आवाज से लाउडस्पीकर बजाने वालों पर भी वैधानिक कार्रवाई की जाए।
अब चुनावी ड्यूटी में तबियत बिगड़ी तो मुफ्त होगा इलाज
इस विधानसभा चुनाव में ड्यूटी के दौरान तबियत खराब होने पर सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की मुफ्त सुविधा िमलेगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए मंत्रालय से आदेश भी जारी कर दिया है। सरकारी अस्पतालों में आवश्यक सुविधा उपलब्ध नहीं होने अथवा आपातकालीन स्थिति में वे राजधानी में 4 और राज्य के बाहर 2 निजी अस्पतालों में भी इलाज करा सकेंगे।