WASHINGTON. थोड़ी सी बीमारी होने पर लोगों का आत्मविश्वास हिल जाता है। बीमारी गंभीर होने पर लोग टूट ही जाते हैं। मगर, आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो पिछले करीब 70 साल से मशीन के अंदर ही बंद है। सिर्फ उसका सिर ही मशीन से बाहर निकला हुआ है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर कोई इंसान दशकों तक मशीन में क्यों बंद है। आखिर ऐसी स्थिति में वह कैसे रह रहा है। उसी मशीन के अंदर उसका खाना-पीना सबकुछ होता है। इसी स्थिति में रहते हुए उसने ग्रेजुएशन पूरा किया और वकालत की डिग्री भी ली। वह अपने ऊपर एक किताब भी लिख चुके हैं।
मामला अमेरिका का है। यहां के रहने वाले पॉल अलेक्जेंडर (Paul Alexander) अब 77 साल के हो चुके हैं। बताया जाता है कि साल 1952 में महज 6 साल की उम्र में उन्हें पोलियो हो गया था, जिसकी वजह से उनके पूरे शरीर में लकवा मार गया। इसकी वजह से गले के नीचे के बाकी शरीर में जान ही नहीं बची। बावजूद इसके वह अपने मुंह से ही शानदार पेंटिंग भी करते हैं।
हालत इस हद तक बिगड़ गई कि उन्हें सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। इसके बाद उनकी जान बचाने के लिए उन्हें आयरन लंग नाम की एक मशीन में रख दिया गया। उनकी इस हालत की वजह से लोग उन्हें पोलियो पॉल के नाम से पुकारने लगे।
हालांकि, बाद में ऐसी तकनीक विकसित हो गई जिससे पॉल को मशीन से बाहर निकाला जा सकता था। मगर, पॉल ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। लिहाजा, अब करीब 70 साल के मशीन के अंदर बंद रहने की वजह से उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चुका है।
हालांकि, इस मशीन में रहने का खर्च कम नहीं है। लिहाजा पॉल की देखभाल के लिए पिछले साल क्राउड फंडिग करते 1 लाख 32 हजार डॉलर की राशि जमा की गई थी। भारतीय मुद्रा में यह रकम करीब 1 करोड़ 9 लाख रुपये होती है।