RAIPUR. छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कांग्रेस ने धान की कीमत काे लेकर बड़ा दांव चल दिया है। धान की कीमत को लेकर मंत्री रविंद्र चौबे का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार बनने पर अगले कार्यकाल तक धान की कीमत 3600 रुपए मिलने की बात कही है। कैसे मिलेगी इतनी कीमत और क्यों छिड़ गई इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस में जुबानी जंग भी शुरू हो गई है।
दरअसल, छत्तीसगढ़ की आधी से अधिक आबादी कृषि से जुड़ी है, यही वजह है कि हर बार चुनाव में धान का मुद्दा निर्णायक होता है। 2023 के महामुकाबले के लिए कांग्रेस ने एक बार फिर धान पर भारी भरकम कीमत की राग छेड़ दी है। चुनाव से ठीक पहले मंत्री रविंद्र चौबे का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि इस बार प्रदेश में 75 पार बहुमत के साथ कांग्रेस सरकार बनने जा रही है। किसानों के समर्थन से सरकार बनेगी और अगले कार्यकाल में किसानाें को धान की कीमत 3600 रुपए तक मिलेगी।
इसके पीछे वे कारण भी बताते हैं, मंत्री रविंद्र चौबे का कहना है, इस साल भी पूरे देश में सबसे अधिक छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की कीमत मिली। अगले साल धान की कीमत किसानाें को लगभग 2800 रुपए मिलेगी। एमएसपी बढ़ने और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी की वजह से अगले कार्यकाल तक किसानों को 3600 रुपए कीमत मिलने लगेगी।
वहीं मंत्री रविंद्र चौबे के इस बयान पर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल तंज कस रहे हैं। उनका कहना है, दूर के ढोल सुहावने होते हैं। लोग एक बार धोखा खा गए है, बार-बार धोखा नहीं खाने वाले हैं।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी और चुनाव के ठीक पहले मंत्री रविंद्र चौबे के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस बयान के माध्यम से उन्होंने किसानों को यह बताने की कोशिश की है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें 3600 रुपए तक कीमत मिल सकती है, जबकि भाजपा की सरकार बनी तो किसानों को एमएसपी से अधिक की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।