KANKER. छत्तीसगढ़ में लगातार कर्मचारियों का हड़ताल जारी है। वहीं प्रदेश के कांकेर जिले में महीने भर से हड़ताल पर बैठे 500 से आधीक स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह सभी स्वास्थ्यकर्मी अपनी मांगो को लेकर 21 अगस्त से हड़ताल पर थे। बता दें इन्हें दो बार जिला प्रशासन ने काम पर लौटने को लेकर नोटिस जारी किया था, लेकिन ये काम पर नहीं लौटे। फिर इन्हें कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला द्वारा बर्खास्त कर दिया गया।
जानकारी के अनुसार 568 स्वास्थ्य कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। दराअसल, स्वास्थ्य फेडरेशन ने 21 अगस्त से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी थी। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही थी। चूंकि कांकेर नक्सल प्रभावित इलाका है। इसके चलते स्वास्थ्य सेवाओं को नज़र रखते हुए प्रशासन ने दो बार काम पर लौटने का नोटिस दिया था। बावजूद इसके कर्मचारी काम पर नहीं लौटे।
इस पर कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा बेहद आवश्यक सेवाओं में से एक है। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। जिले के बहुत से दूरस्थ अंचल है और इनमें स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही नहीं बर्दाश्त की जा सकती है। इसलिए यह कार्रवाई की गई है।
इन मांगों को लेकर स्वास्थ्यकर्मी थे हड़ताल पर
स्वास्थ्यकर्मी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए थे। इनमें स्वास्थ्य विभाग के ANM, MPW नर्सिंग संवर्ग कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर की जाने की मांग की गई थी। इसके अलावा चिकित्सकों के लंबित वेतनमान, भत्ते एवं स्टाइपेंड प्रदान किए जानें की मांग की गई है। साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा घोषित विशेष कोरोना भत्ता दिए जाने की बात कही गई थी, वहीं अस्पताल में कार्य के दौरान डॉक्टर्स एवं नर्सिंग स्टॉफ के साथ होने वाली हिंसा पर रोक लगाने को लेकर कड़े कदम उठाए जाने जैसी मांगों को लेकर वे हड़ताल पर थे।