RAIPUR. स्वर्गीय देवीप्रसाद चौबे की स्मृति में रायपुर में मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में वसुंधरा सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। वरिष्ठ साहित्यकार- पत्रकार सुधीर सक्सेना को मुख्यमंत्री ने यह सम्मान प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने संबोधन में कहा कि शब्दों को संजोना एक कठिन विधा है और उसमें भावनाएं पिरोना और भी कठिन काम है।छत्तीसगढ़ी के विभिन्न समाज बहुत सरल सहज है लेकिन यह सहजता भी आसान नहीं है यह बहुत प्रयत्नों से मिलती है।
जो भी एक बार छत्तीसगढ़ आता है वो यही का होकर रह जाता है। छत्तीसगढ़िया लोगों का भोलापन सभी को बहुत अच्छा लगता है और यही हमारी पूंजी है, हमारी थाती है। यही सरलता देवीप्रसाद चौबे, कबीर, घासीदास में भी थी।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि देवीप्रसाद चौबे गांधीवादी और उनके बताए कदमों पर चलते थे। उनके पास आलोचनाओं को सहने की गहरी शक्ति थी। जब उनकी हत्या हुई उस वक्त भी उन्होंने हे राम ही कहा। यदि कोई सोशल मीडिया आपसे असहमति जताता है और आप उग्र नहीं हुए तो समझिये आप गांधीवाद के रास्ते पर हैं। इस कार्यक्रम के मौके पर सुधीर सक्सेना ने कहा कि यह पुरस्कार मेरे लिए संतोष का विषय है। पुश्किन का कहना है कि कोई भी सम्मान कवि के हृदय में होता है। मेरे लिए यह मेरे सरोकारों का सम्मान है। छत्तीसगढ़ में मुझे बेहद प्रेम मिला। यहां के लोगों ने इतना प्यार दिया है वही छत्तीसगढ़ की खास बात है।
उन्होंने कहा कि मेरा छत्तीसगढ़ से अलग जुड़ाव है क्योंकि मेरी पत्नी रायपुर की ही बेटी है। आज उनकी स्मृतियां ही बाकी हैं । इस मौके वह होती तो निश्चित ही बहुत खुश होती। 1978 में पहली बार यहां आने के बाद वे हर साल यहां आते है। इस अवसर पर मुख्य वक्ता पत्रकार राजेश बादल ने भी पत्रकारिता की चुनौतियों तथा महत्व के विषय में अपनी बात रखी।
इस खास अवसर पर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्कूल शिक्षा मंत्री रवींद्र चौबे, संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेश शुक्ला, पद्मश्री तथा इंदिरा संगीत एवं कला विवि खैरागढ़ की कुलपति मोक्षदा चंद्राकर, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री रामसुंदर दास, पूर्व विधायक प्रदीप चौबे एवं अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। इस दौरान वसुंधरा सम्मान के संयोजक विनोद मिश्र, निर्णायक समिति के अध्यक्ष दिवाकर मुक्तिबोध, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव तथा आयोजन समिति के सचिव मुमताज एवं अन्य महत्वपूर्ण अतिथिगण भी उपस्थित रहे।