RAIPUR.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी घोषणा करते हुए सरकारी कर्मचारियों को खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रमोशन किया जाएगा इसके लिए 50 फीसदी पद आरक्षित होंगे। वहीं नायब तहसीलदार भी अब राजपत्रित अधिकारी होंगे। सीएम भूपेश बघेल की इस घोषणा से प्रशासनिक अधिकारियों में खुशी का माहौल है।
मुख्यमंत्री ने यह बड़ी घोषणा कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के राज्य स्तरीय सम्मेलन में की है। यहां ‘कृषि एवं प्रदेश के किसानों के विकास में राजस्व विभाग का योगदान’ थीम पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया।
आपको बता दें कि नायब तहसीलदार और तहसीलदार दोनों भारतीय प्रशासनिक पद होते हैं, लेकिन इन दोनों पदों में कुछ अंतर होता है। ये दोनों पद स्थानीय स्तर पर अधिकारी होते हैं और एक प्रखंड या तहसील के प्रशासनिक कार्यों को संभालते हैं।
तहसीलदार एक प्रखंड के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। उनका प्रमुख कार्य उनके प्रखंड में कानून और क्रिमिनल मामलों की जांच, संबंधित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेशों के पालन और राजस्व विभाग के कार्यों का प्रशासन करना होता है। वे इस क्षेत्र में मजिस्ट्रेट के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। तहसीलदार अपने प्रखंड के आम लोगों के आराजकता और मुद्दों को सुनने और समाधान करने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
वहीं नायब तहसीलदार तहसीलदार के सहायक होते हैं। उनका प्रमुख कार्य तहसीलदार को समर्थन प्रदान करना होता है और तहसील के प्रशासनिक कार्यों को निर्वहन करना होता है। वे तहसील में अपने तहसीलदार के द्वारा सौंपे गए काम का पालन करते हैं। नायब तहसीलदार को मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं होती है।
संक्षेप में कहें तो तहसीलदार और नायब तहसीलदार दोनों ही एक प्रखंड या तहसील के प्रशासनिक कार्यों को संभालते हैं, लेकिन तहसीलदार की पदवी ऊपरी और महत्वपूर्ण होती है जबकि नायब तहसीलदार उनके सहायक होते हैं। दोनों ही पद राजपत्रित अधिकारी (मजिस्ट्रेट) नहीं होते हैं। लेकिन तहसीलदार अपने प्रखंड में मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य कर सकते हैं, जबकि नायब तहसीलदार को ऐसी अनुमति नहीं होती।