RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इस वक्त एक पुलिस अफसर पर बड़ी कार्रवाई की खबर मिली है। प्रदेश के सीनियर आईपीएस जीपी सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है। छापे के बाद पिछले साल 2022 में जीपी सिंह को गिरफ्तार किया गया था। सिंह पर राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति जैसे मामले हैं।
कुछ महीने जेल में बिताने के बाद सिंह को जमानत मिली थी। 1994 बैच के अधिकारी जीपी सिंह पहले एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) और रायपुर आईजी भी रह चुके हैं। पिछले कई दिनों से उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही थी। राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई का प्रस्ताव भी भेजा गया था, जिसके बाद अब केंद्र सरकार ने उनके जबरिया रिटायरमेंट को मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि जुलाई 2021 छापे के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज भी मिले थे, जिसके आधार पर रायपुर कोतवाली में निलंबित IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह का मामला दर्ज हुआ था, जिसका चालान कोतवाली पुलिस पहले ही कोर्ट में पेश कर चुकी थी, जो कोर्ट में विचाराधीन है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर में अनुपातहीन संपत्ति और भष्टाचार निवारण अधिनियम और धारा 201,467,471 के आरोप में निलंबित आईपीएस जीपी सिंह का प्रकरण दर्ज है।
इससे पहले उच्च न्यायालय और बाद में उच्चतम न्यायालय में उनके खिलाफ जांच और गिरफ्तारी वारंट पर रोक लगाने की उसकी अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह गुड़गांव से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि 1 जुलाई 2021 की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में जीपी सिंह के सहयोगियों समेत उनके सभी ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था, जिसमें 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ था। इसमें आरोप लगाया गया है कि सस्पेंड किए गए ADG सिंह सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे। विधायकों और अफसरों के खिलाफ भी डायरी में बातें मिली थीं.