JAGDALPUR. मणिपुर में हिंसा दिनों दिन विकराल रूप लेते जा रही है। छत्तीसगढ़ समेत देश के विभिन्न राज्यों में भी अब इसका असर दिखने लगा है।
दरअसल, मणिपुर में महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आज आदिवासी समाज ने बस्तर बंद का आव्हान किया है। इसमें व्यापारियों से लेकर आमजनों तक सभी ने अपनी दुकानें बंद करके पूर्ण समर्थन किया है। बाजारों से लेकर सड़कों तक सन्नाटा सन्नाटा पसरा हुआ है।
मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई शर्मनाक घटना के बाद आदिवासी समाज के लोगों ने नारेबाजी कर जमकर विरोध किया। आदिवासियों ने मोदी सरकार को भी घेरा। लंबे समय बीत जाने के बाद भी इस गंभीर मुद्दे पर कोई कार्यवाही न होने पर प्रकाश ठाकुर संभागीय अध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज ने नाराजगी जाहिर की है।
वही इस मामले को लेकर महिला प्रभाग अध्यक्ष रुक्मणी कर्मा ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोषियों को सक्त से सक्त सजा देने की मांग की है। नगर बंद से दो दिन पहले भी आदिवासी समाज ने आरोपियों को सजा दिलाने कैंडल मार्च निकाल कर पैदल मार्च निकालकर अपनी मांग रखी थी।
कांकेर में आदिवासी युवतियों का प्रदर्शन
वही कांकेर में एक दिन पहले मणिपुर में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के विरोध में आदिवासी युवतियों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया। युवतियों द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका गया। उनका मानना है कि,आदिवासियों के साथ हो रहे अत्याचार का वह पुरजोर विरोध करती हैं। उन्होंने दोषियों को फांसी देने की मांग भी की हैं। इस दौरान गुंडाधुर चौक पर एकत्र होकर वहां से रैली निकाली गई।बस स्टैंड पहुंच कर मणिपुर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री एन बिसेन का पुतला दहन किया गया।
युवतियों ने मणिपुर में महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचार के खिलाफ सरकार को कड़े से कड़े कदम उठाने की मांग की है।