BILASPUR. छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले मामले में अभी बड़ी खबर मिली है। इस मामले में जेल में बंद रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई व कारोबारी अनवर ढेबर को जमानत मिल गई है। बिलासपुर हाई कोर्ट में जस्टिस दीपक तिवारी ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है। बता दें कि पिछले दिनों ही सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही पीठ ने यश टुटेजा समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर भी रोक लगा दी थी। इस दौरान राज्य सरकार ने दावा किया था कि उत्पाद विभाग के 52 अधिकारियों को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
गौरतलब है कि ईडी ने कुछ दिनों पहले ही रायपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट पेश की थी। यह चार्जशीट प्रदेश में ईडी की ओर से उजागर किए गए शराब घोटाले के संबंध में थे। 13 हजार पन्नों की चार्जशीट अदालत में लाई गई। एक बड़े से संदूक में दस्तावेज कोर्ट पहुंचे थे। कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक ढिल्लन और आबकारी विभाग में अधिकारी रह चुके ए पी त्रिपाठी को शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया था। इन दस्तावेजों में बताया गया था कि इन लोगों ने मिलकर सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया.
ये है पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापे के बाद शराब कारोबारी अनवर ढेबर को शराब घोटाले में आरोपी बनाया था। ईडी की ओर से छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला होने की बात कही थी। साथ ही 13 हजार पन्नों की चार्जशीट भी पेश की गई थी। 2000 करोड़ शराब घोटाले का आरोप ED ने लगाया है, जिसे कांग्रेस ने लगातार निराधार बता रही है। ईडी ने शराब में राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है। जिसमें कहा गया कि, राज्य में 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इसमें राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था। कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगाया गया है.