BILASPUR. आज सोमवार के दिन बिलासपुर में प्रदेश में रोजगार को लेकर बयानबाजी होती रही। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश सरकार पर रोजगार के नाम पर ठगी करने के गंभीर आरोप लगाए। जिसके जवाब में पलटवार करते हुए मंत्री अमरजीत भगत ने भाजपा पर निशाना साधा। भगत ने कहा कि मोदी जी ने हर साल 2 करोड़ युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी, लेकिन उसमें विफल रहे। वहीं उसके उलट छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार लगातार युवाओं को रोजगार दे रही है और बेरोजगार युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता भी शुरू किया है।
भगत ने कहा कि इतना सब करने के बाद भी कुछ न करने वाली भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है। इसके बाद भगत ने चुटकी लेते हुए कहा कि दरअसल चंदेल जी अच्छे व्यक्ति हैं, पर उन्हें जितना सिखाया जाता है उतना ही बोल पाते हैं। साथ ही रमन सिंह के चेहरे पर भाजपा के चुनाव लड़ने से जुड़े प्रश्न पर भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की नाव डूब गई है। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। कांग्रेस सरकार यहां की लोकसंस्कृति तीज- त्यौहार को बढ़ावा दे रही है, जनता का साथ कांग्रेस को ही मिलेगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चन्देल ने आज एक प्रेसवार्ता कर भूपेश बघेल सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने प्रदेश में रोजगार के नाम पर युवाओं को ठगी करने का आरोप लगाया। नारायण चन्देल ने कहा कि भूपेश सरकार घोटालों सरकार है। बघेल सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में ही करोड़ों का घोटाला हुआ है। नारायण चंदेल ने राज्य सरकार पर 169 करोड़ों रुपए के गोबर घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस घोटाले को बिहार के चारा घोटाले से बड़ा बताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को कायदे से इसकी सीबीआई जांच कराने की सिफारिश केंद्र से करनी चाहिए।
पत्रवार्ता के दौरान चंदेल ने अपनी बातों को विस्तार से बताते हुए कहा कि गाय, गोबर, गौठान, नरवा और घुरवा, प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट हैं। इस ड्रीम प्रोजेक्ट की राज्य में जैसी दुर्गति हुई है,इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार की बांकी योजनाओं और कार्यों का क्या हुआ होगा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों प्रदेश स्तर पर संगठन के जरिए 948 गौठानों का निरीक्षण कराया था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कई जगह गौठानों पर ताले लगे थे,अनेक स्थानों पर गौ माता के लिए न तो पैरा का इंतजाम था और ना ही पानी का, यहां गायों की देखरेख करने के लिए कोई व्यक्ति भी तैनात नहीं था।