RAIPUR. छत्तीसगढ़ सरकार के परिवहन विभाग की नवाचारी पहल से अब वाहन मालिकों को मिलने वाली सुविधा और भी आरामदायक हो चुकी है. बता दें अब वाहन मालिक हाइपोथिकेशन ऑनलाइन भी हटवा सकते हैं.
क्या होता है हाइपोथिकेशन
जब भी कोई वाहन मालिक अपनी गाड़ी बैंक से फाइनेंस करवाता है. तो एक तरह से लोन का किश्त चूका देने तक वो उस वाहन पर बैंक का अधिकार होता है. वाहन के आरसी में बैंक का नाम लिखा होता है. इसे ही हाइपोथिकेशन कहते हैं. जब वाहन मालिक लोन के सभी किश्त चूका देता है तो उसे हाइपोथिकेशन हटानी पड़ती है.
जटिल प्रक्रिया से होता था सामना
हाइपोथिकेशन हटाने के लिए पहले वाहन मालिकों को जटिल प्रक्रिया का पालन करना होता था. उन्हें पहले तो अलग से हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन के लिए आवेदन करना होता था, इसके बाद फॉर्म 35 बैंक में भरकर बैंक से NOC लेकर RTO ऑफिस में आवेदन करके, वहां बैंक से लिया NOC जमा अकरने जाना होता था. जिसे अब ऑनलाइन यानी पूरी तरह से फेसलेस कर दिया गया है.
ऑनलाइन में ऐसे होगा काम
हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन को फेसलेस कर देने से वाहन मालिक घर बैठे ही हाइपोथिकेशन हटाने की सेवा का लाभ ले रहें हैं। हाइपोथिकेशन के लिए वाहन मालिकों को अब बैंक और आरटीओ कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती है और ना ही फॉर्म 35 या बैंक से एनओसी लाने की ज़रूरत पड़ती है।
अब लोन क्लोज होने के 24 घंटे के अंदर ऑटोमैटिक परिवहन विभाग के सर्वर में जानकारी अपडेट हो जाती है. और हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन की प्रक्रिया पूर्ण होकर डीजी लॉकर के माध्यम से नयी आरसी वाहन मालिक तक पहुँच जाती है. अब किसी भी प्रकार के भौतिक दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं है.
अब तक राज्य के 1 लाख 29 हजार 567 वाहन मालिकों को फेसलेस हाईपोथीकेशन टर्मिनेशन का लाभ मिल चुका है।