BENGALURU. भाजपा के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को 26 विपक्षी दलों की महाबैठक होने जा रही है। इस दौरान सभी पार्टियों को शीर्ष नेताओं के इसमें हिस्सा लेने की संभावना है। सत्र की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की ओर से होने वाले रात्रिभोज के साथ होगी।
पिछली बैठक में आम आदमी पार्टी ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया था कि यदि केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस समर्थन नहीं करती है, तो पार्टी इस महाबैठक का हिस्सा नहीं होगी। मगर, अब आप सांसद राघव चड्ढा ने साफ कर दिया है कि विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हिस्सा लेगी। कांग्रेस की ओर से दिल्ली अध्यादेश का विरोध करने के कुछ ही घंटों बाद पार्टी ने यह फैसला दिया है।
इन मुद्दों पर होगी बैठक के दौरान चर्चा
इस बैठक में साल 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनावों में एकजुट होकर लड़ने की रणनीति तैयार की जाएगी। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने को लेकर चर्चा होगी। साथ ही लोकसभा सीटों पर साझा विपक्षी उम्मीदवारों को खड़ा करने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है। विपक्षी गठबंधन एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम भी साल 2024 के आम चुनावों के लिए जारी कर सकता है।
23 जून को पटना में हुई थी महाबैठक
बताते चलें कि इससे पहले 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की पहली महाबैठक हुई थी। उसमें 15 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था। मगर, इस बार बेंगलुरू में हो रही बैठक में 26 पार्टियों के नेता शामिल होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं।
ये नेता भी होंगे शामिल
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल बैठक में शामिल हो सकते हैं.